ब्राजीलिया। ब्राजील में ड्रग माफिया पर छापेमारी के दौरान हडकंप मचने से हुई गोलीबारी में अब तक 45 लोगों के मारे जाने की खबर है। मिली जानकारी के अनुसार ब्राजील के तीन राज्यों में ड्रग गिरोहों को निशाना बनाकर पुलिस ने छापेमारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रियो डी जनेरियो में बुधवार को पुलिस के नवीनतम ऑपरेशन में, कॉम्प्लेक्सो दा पेन्हा शहर के उत्तर में गोलीबारी के दौरान 10 लोग मारे गए। मृतकों में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाला एक सरगना भी शामिल है, जबकि चार लोग घायल हुए हैं। शहर की सैन्य पुलिस ने कहा कि खुफिया सूचना के बाद कॉम्प्लेक्सो दा पेन्हा में ऑपरेशन शुरू किया गया था।
सूचना में था कि इलाके में नशीली दवाओं के तस्करों की एक बैठक हो रही है। कॉम्प्लेक्सो दा पेन्हा के आसपास के स्कूल बुधवार को नहीं खुले, इससे लगभग 3,220 छात्रों को घर पर ही रहना पड़ा। गौरतलब है कि रियो डी जनेरियो ब्राज़ील के सबसे हिंसक राज्यों में से एक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर-पूर्वी राज्य बाहिया में, 28 जुलाई से सोमवार के बीच तीन शहरों साल्वाडोर, इतातिम और कैमाकारी में पुलिस और गिरोह के सदस्यों के बीच झड़पें हुईं। कैमाकारी में, 28 जुलाई को सात लोग मारे गए, जबकि इतातिम ने रविवार को हिंसक झड़पों के दौरान आठ लोगों की मौत की सूचना दी।
इसी तरह साल्वाडोर में पुलिस और सशस्त्र संदिग्धों के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि स्कूल भी मंगलवार को बंद रहे। बाहिया ऑपरेशन के दौरान बंदूकें, फोन और ड्रग्स जब्त किए गए। साओ पाओलो राज्य में ऑपरेशन शील्ड नामक पांच दिवसीय पुलिस छापे के दौरान 16 लोग मारे गए और 58 अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया। यह ऑपरेशन 28 जुलाई को तटीय शहर गुआरुजा में एक विशेष बल के पुलिस अधिकारी की हत्या के बाद शुरू हुआ। हालांकि पुलिस कार्रवाई की व्यापक निंदा भी हुई है। न्याय मंत्री फ्लेवियो डिनो ने गुआरुजा में ऑपरेशन की आलोचना की, उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्रवाई आक्रामक थी। इस बीच, ब्राज़ील में सशस्त्र हिंसा के आंकड़ों पर नज़र रखने वाले संगठन इंस्टिट्यूटो फ़ोगो क्रूज़ाडो ने छापे को सामूहिक हत्या बताया।