हरियाणा।  नूंह से भड़की हिंसा की आग ने आसपास के कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया. जिसमें अब तक करीब 5 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं. हिंदू संगठनों की एक यात्रा के दौरान भड़की इस हिंसा के पीछे स्वंयभू गोरक्षक मोनू मानेसर के एक वीडियो को जिम्मेदार माना जा रहा है. जिस पर भिवानी में जुनैद और नासिर की हत्या कर जलाने का आरोप है. अब हिंसा के बाद यही मोनू मानेसर तमाम मीडिया चैनलों को इंटरव्यू दे रहा है. जिसमें वो बता रहा है कि नूंह हिंसा का जिम्मेदार कौन है.

नासिर-जुनैद की हत्या पर दिया जवाब

डिजिटल चैनल हरियाणा तक से बातचीत करते हुए मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर ने अपने उकसाने वाले वीडियो लेकर कहा, मैं उस यात्रा में नहीं गया. इसमें वहां के मुस्लिम विधायक जिम्मेदार हैं, उन्होंने ही साइबर क्राइम थाने को फूंक दिया. मैंने कुछ भी भड़काऊ नहीं कहा था. नासिर-जुनैद की हत्या को लेकर मोनू ने कहा कि नाम तो मेरा 2019 में ही 302 में आ गया था. यहां तो चूहा भी मरता है तो मेरा नाम आ जाता है. हम अपनी गोमाता को बचाते हैं और हमने कानून कभी हाथ में नहीं लिया है.

‘मेवात इनके बाप की जमीन है ?’

मोनू मानेसर ने इस इंटरव्यू के दौरान कहा कि हमने कोई उकसाने का काम नहीं किया. उस यात्रा में विश्व हिंदू परिषद के बड़े अधिकारियों पर सीधे फायरिंग की गई है. ये हिंदू समाज बिल्कुल भी नहीं सहेगा. एके-47 से भी गोलियां चली हैं. मोनू ने कहा कि हमारी बहन-बेटियों की तरफ कोई देखेगा तो हम देखने नहीं देंगे. क्या मेवात इनकी बाप की जमीन है, जहां कोई आ नहीं सकता है. ये लोग बाहर नहीं जाते हैं क्या?  पुलिस के सामने सरेंडर करने को लेकर मोनू मानेसर ने कहा कि राजस्थान पुलिस और राजस्थान प्रशासन कुछ गलत नहीं करेगा. किसी एक व्यक्ति को दबाव देकर गिरफ्तार किया जाए वो अलग बात है. मैं कहना चाहता हूं कि जिन्होंने हमारे हिंदू कार्यकर्ताओं और पुलिस पर गोली चलाई है उनका क्या होगा.

ये है पूरा मामला

दरअसल हरियाणा के नूंह जिले में हिंदू संगठनों ने एक शोभा यात्रा निकालने का ऐलान किया था, इसे लेकर मोनू मानेसर का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वो चुनौती देता हुआ दिख रहा है कि मैं और मेरे लोग इस यात्रा में पहुंच रहे हैं. इस वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर माहौल पूरी तरह गरमा गया. इसके बावजूद पुलिस ने यात्रा को इजाजत दी और उसी दौरान पत्थरबाजी हो गई. इस पत्थरबाजी के बाद जमकर हिंसा शुरू हुई और अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है. साथ ही करीब 80 वाहनों को जला दिया गया, जमकर लूटपाट हुई और पुलिसकर्मी भी घायल हुए. इस मामले को लेकर 17 एफआईआर दर्ज हुई हैं, साथ ही करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया गया है.

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