दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश से संबंधित बिल को मंगलवार (25 जुलाई) को मोदी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई. सरकार अब संसद के मानसून सत्र में इस बिल को पेश कर सकती है. केंद्र सरकार ने बीती 19 मई को ये अध्यादेश जारी किया था. केंद्र की ओर से जारी किए गए अध्यादेश में दानिक्स कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही और तबादलों के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण स्थापित करने का प्रावधान है.

सरकार की ओर से एक अध्यादेश तब लाया जाता है जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है, लेकिन इसे छह सप्ताह के भीतर संसद की ओर से पारित किया जाना चाहिए. इस अध्यादेश का दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने पुरजोर विरोध किया है. आप ने इस अध्यादेश को असंवैधानिक करार दिया है. इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने 5 जजों की संविधान पीठ को सौंपा है. आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं.

अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों बिहार के सीएम नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, एनसीपी चीफ शरद पवार, डीएमके चीफ एमके स्टालिन समेत कई नेताओं से इस मुद्दे को लेकर मुलाकात की थी. अरविंद केजरीवाल ने राज्यसभा में इस बिल का विरोध करने के लिए कई विपक्षी दलों से समर्थन मांगा है. कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके समेत कई पार्टियों ने उनके समर्थन की बात कही है. फिलहाल संसद का मानसून सत्र चल रहा है. सरकार इस दौरान किसी भी दिन इस बिल को पेश कर सकती है. सत्र शुरू होने से पहले इस अध्यादेश का बिल पेश करने को लेकर लिस्टेड भी किया गया था.

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