मास्को। एलजीबीटीक्यू समुदाय को बड़ा झटका देकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कानून पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसमें लोगों को चिकित्सकीय रूप से अपना लिंग बदलने के लिए लिंग पुनर्मूल्यांकन सर्जरी कराने पर प्रतिबंध लगाया है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस में संसद के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से इस अधिनियम को पारित किया गया, जिसमें किसी व्यक्ति के लिंग को बदलने के उद्देश्य से किए जाने वाले चिकित्सीय हस्तक्षेप पर प्रतिबंध लगाया गया है और आधिकारिक दस्तावेजों में लिंग बदलने पर रोक लगाई गई है। यह उन विवादों को रद्द कर देगा जिनमें एक साथी ने अपना लिंग बदल लिया है और ट्रांसजेंडर माता-पिता को बच्चों को पालने या गोद लेने की अनुमति नहीं देता है।

हालांकि, एकमात्र अपवाद के रूप में जन्मजात विसंगतियों के इलाज के लिए चिकित्सा हस्तक्षेप की अनुमति होगी। सांसदों ने कानून का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य पश्चिमी परिवार विरोधी विचारधारा के खिलाफ रूस का विरोध करना है। यह पहली बार नहीं है कि समुदाय को इस तरह के उपायों का सामना करना पड़ा है। यह कार्रवाई लगभग एक दशक पहले शुरू हुई जब सरकार ने रूसी रूढ़िवादी चर्च द्वारा समर्थित पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करने की घोषणा की।

इससे छह महीने पहले भी रूस ने एक कानून के जरिए सभी उम्र के लोगों में अपारंपरिक सेक्सुअल संबंधों के प्रचार पर पूरी तरह रोक लगाया था। जिसका मतलब था कि रूस में एलजीबीटी के समर्थन में किसी तरह की किताब, लेख या खबर पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया।

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