जपोरीजिया। रूस ने यूक्रेन में न्यूक्लियर प्लांट जपोरीजिया में माइन्स बिछा रखी हैं। इसकी पुष्टि यूनाइटेड नेशन्स की एटॉमिक एनर्जी एजेंसी यानी आईएईए ने की है। आईएईए के डायरेक्टर जनरल राफेल ग्रॉसी ने कहा- रूस का ये कदम सेफ्टी प्रोसीजर का उल्लंघन करता है। ये माइन्स प्लांट के बफर जोन में इंटरनल और एक्सटर्नल बैरियर्स के बीच में मौजूद हैं।
आईएईए के मुताबिक, उनके अधिकारी ने पिछले इंस्पेक्शन के दौरान भी माइन्स देखी थीं। राफेल ने कहा- न्यूक्लियर प्लांट में माइन्स बिछी होना यू एन के मानकों और सिक्योरिटी गाइडेंस के खिलाफ है। इससे वहां मौजूद स्टाफ पर साइकोलॉजिकल प्रेशर भी बनता है। हालांकि, आईएईए ने ये भी कहा कि अगर भविष्य में कभी ये इनमें विस्फोट होता है तो भी प्लांट के सिक्योरिटी सिस्टम को नुकसान नहीं पहुंचने की उम्मीद है। आईएईए ने बताया कि ये माइन्स उन जगहों पर बिछी हैं जहां स्टाफ को आने-जाने की इजाजत नहीं है। ये जगहें रूसी मिलिट्री के कंट्रोल में हैं।

प्लांट को तबाह करने की प्लानिंग

करीब 20 दिन पहले यूक्रेन ने रूस पर जपोरीजिया न्यूक्लियर प्लांट को तबाह करने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। यूक्रेन ने कहा था कि रूस ने न्यूक्लियर प्लांट की छतों पर माइन्स और विस्फोटक रखे हैं। इसके बाद आईएईए ने यूक्रेन के दावों की जांच की बात कही थी। इसके लिए उन्होंने रूस से न्यूक्लियर प्लांट में ज्यादा एक्सेस की मांग की थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इंटेलिजेंस एजेंसियों के हवाले से कहा था कि रूस ने पिछले महीने हमारे काखोवका बांध को तबाह किया था। अब वो परमाणु प्लांट को तबाह करने की तैयारी कर रहा है। हमले की आशंकाओं के बीच यूक्रेन ने प्लांट के आसपास के इलाकों में ड्रिल भी की थी।

3 लाख लोगों पर होगा असर

आईएईए के अधिकारी ने बताया है कि वो न्यूक्लियर प्लांट की यूनिट 3 और 4 की खास तौर पर जांच करना चाहता है। जपोरिजिया में बने यूक्रेन के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर रूस ने जंग शुरू होने के एक महीने बाद ही मार्च 2022 में कब्जा कर लिया था। तब से ही आईएईए इसे लेकर चिंता जाहिर करता रहा है। जपोरिजिया यूरोप का सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक अगर जंग के बीच किसी तरह का न्यूक्लियर डिजास्टर हुआ तो इससे इलाके के 3 लाख लोगों को रेडिएशन का खतरा होगा। जिन्हें अपने घर छोडऩे पड़ेंगे। जपोरिजिया के न्यूक्लियर पावर प्लांट पर व्हाइट हाउस का भी बयान आया है। अमेरिका ने कहा है कि वो हालातों पर नजर रखे हुए है। जांच से पहले कुछ नहीं कहा जा सकता है।

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