उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर की तीसरी सवारी आज धूमधाम से निकली। सवारी निकलने के पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ विधि-विधान से भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन कर सवारी को आगे बढ़ाया। सवारी सभा मण्डप से होकर महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, रामानुजकोट होते हुए रामघाट पहुँची।

शिवमय हुए शिवराज

भगवान महाकालेश्वर की सवारी में मुख्यमंत्री चौहान भक्ति में सराबोर नजर आये, मानो स्वयं शिवमय हो गए हैं। वे सवारी मार्ग में भगवान महाकाल की जय-जयकार करते हुए धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ नंगे पैर चले। मुख्यमंत्री ने भजन मंडलियों के साथ झांझ-मंजीरे बजाए और कीर्तन किया।

मुख्यमंत्री चौहान सपत्निक सवारी मार्ग में पैदल रामघाट तक पहुँचे। मार्ग में अन्य भक्तों के साथ मुख्यमंत्री भी शिवभक्ति में लीन नजर आये। उन्होंने भजन मण्डलियों के साथ झांझ बजाया और जय महाकाल के नारे लगाये। मुख्यमंत्री चौहान ने मार्ग में बड़ी संख्या में बाबा महाकाल की पालकी के दर्शन के लिए खड़े दर्शनार्थियों एवं मार्ग के मकानों में रहने वाले नगरवासियों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। लगभग 5 बजे बाबा महाकाल की पालकी रामघाट पहुँची जहाँ भगवान चंद्रमौलेश्वर का माँ शिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजन-अर्चन किया गया। पूजन-अर्चन में भी मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं श्रीमती साधना सिंह ने भाग लिया।

सभा मण्डप, सवारी मार्ग और रामघाट पर मुख्यमंत्री चौहान के साथ उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन,  बहादुर सिंह चौहान, महेश परमार,  मुरली मोरवाल, महापौर मुकेश टटवाल, यूडीए अध्यक्ष श्याम बंसल अन्य जन-प्रतिनिधि और विशाल संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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