भोपाल : मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। गड़बड़ी के आरोप लगाकर विपक्षी दल कांग्रेस शिवराज सरकार को घेर रही है। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी ने तो इसे व्यापम-2 करार दिया है। भाजपा की ओर से बचाव में उतरे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे कांग्रेस की साजिश बताया है। दिनभर चले आरोप-प्रत्यारोप के बाद रात में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाहौन सक्रिय हुए और उन्होंने नियुक्तियों पर रोक लगा दी।
साथ ही विधायक के कालेज में बने परीक्षा केंद्र के परिणाम की नए सिरे से जांच कराने के निर्देश दिए। सारा विवाद भड से बसपा विधायक संजीव कुशवाह के ग्वालियर स्थित एनआरआइ कालेज आफ इंजीनिग रग एंड मैनेजमेंट में बने केंद्र के परिणाम को लेकर है। इसी केंद्र के 114 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। यही नहीं, परीक्षा में टाप-10 अभ्यर्थियों में से सात इसी केंद्र से परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी हैं।
इन्हीं दो बातों पर परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाए जा रहे। इसके विरोध में गुरुवार को भोपाल व इंदौर सहित कई जिलों में युवाओं ने प्रदर्शन किया। गुरुवार सुबह से राज्य सरकार के प्रवक्ता और गृह मंत्री डॅा.नरोत्तम मिश्रा गड़बड़ी से इन्कार करते रहे और इसे कांग्रेस की प्रदेश को बदनाम करने की साजिश बताते रहे, लेकिन शाम को मुख्यमंत्री ने संदेह वाले उक्त केंद्र के परिणाम की जांच करवाने का निर्णय लिया। बता दें, पटवारी भर्ती परीक्षा कर्मचारी चयन मंडल ने करवाई थी, पहले इसका नाम व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम)था।
उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि सीएम की स्वीकार्यता घोटाले को प्रदर्शित करती है। लेकिन, निर्णय ऐसा हो कि किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय न हो। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सुनियोजित तरीके से इस आनलाइन परीक्षा में गड़बड़ी कर भर्ती करने का प्रयास किया गया है। व्यापक गड़बडि़यों को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया की सीबीआइ से जांच कराई जाए।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी स्वीकार किया है कि गड़बड़ी हुई है। इस पूरे मामले की सीबीआइ से जांच कराई जाए। जब तक वास्तविक चेहरे बेनकाब नहीं होंगे, हम चुप नहीं रहेंगे।