भारत आज अंतरिक्ष में एक और बड़ी छलांग लगाई।आज ISRO चंद्रमा के अपने तीसरे मिशन चंद्रयान-3 को लॉन्च किया। दोपहर 2:35 पर चंद्रयान-3 लॉन्च किया गया। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में 25 घंटे पहले लॉन्चिंग की उल्टी गिनती शुरू  हुई । ISRO का फैट ब्वाय कहा जाने वाला GSLV मार्क-3 रॉकेट चंद्रयान को अंतरिक्ष में लेकर गया । पहले पृथ्वी के आर्बिट और उसके बाद चंद्रमा के आर्बिट में चक्कर लगाते हुए, आज से ठीक 41 दिन बाद चंद्रयान-3 की चांद की सतह पर लैंडिंग 24 से 25 अगस्त के बीच होगी।

न पर पूरी दुनिया की नज़रें लगी हुई हैं। चांद की सतह पर उतरने की भारतीय वैज्ञानिकों की ये दूसरी कोशिश है। अगर भारत चांद की सतह पर उतरने में कामयाब हो जाता है तो वो दुनिया में अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश हो जाएगा जो ये कामयाबी हासिल करेगा। चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश भी बन जाएगा। ये वही इलाका है जहां चंद्रयान टू का लैंडर विक्रम चांद की सतह से कुछ ही दूरी पर क्रैश हो गया था। लिहाजा आज पूरी दुनिया की निगाहें इसलिए भी हमारे ऊपर टिकी हैं।

क्रैश लैंडिंग को लेकर भी है तैयार है चंद्रयान-3

इस बार ISRO के वैज्ञानिकों ने पिछली क्रैश लैंडिंग से सबक लेते हुए इसमें कई बदलाव किये हैं। लैंडर में कई तरह से नए सेंसर लगे हैं। इसका वज़न भी करीब ढाई सौ किलो है। लैंडर के पैर पहले से कहीं ज्यादा मज़बूत हैं। इसलिये उम्मीद की जा रही है कि भारत चांद की सतह पर तिरंगा फहराने में कामयाब ज़रूर होगा।

चंद्रयान-3 को चांद तक लेकर जाएगा बाहुबली रॉकेट 

चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में ले​​​​​​ जाने के लिए अपग्रेडेड बाहुबली रॉकेट यानी लॉन्च व्हीकल मार्क-3 तैयार है। लांच होने के महज 17 मिनट के अंदर ही चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में पहुंच जाएगा, जहां से ये पृथ्वी के चक्कर लगाते हुए चंद्रमा के लिए रवाना हो जाएगा। वहीं से इसकी परीक्षा शुरू हो जाएगी। इसके बाद सबसे बड़ा इम्तिहान होगा 24 अगस्त की रात को जब ये चंद्रमा पर लैंड करेगा।

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