विल्नुस। पश्चिमी देशों के सैन्य गठबंधन नाटो के नेता एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन के लिए लिथुआनिया में इकट्ठा हो रहे हैं। 11 और 12 जुलाई क विल्नुस में होने वाली बैठक में रूसी हमले से बचाव का विस्तृत प्लान भी तैयार होगा। इसके पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि ज्यादातर नाटो सदस्य यूक्रेन के साथ खड़े हैं और गठबंधन के आगामी शिखर सम्मेलन को कीव की एक डि फैक्टो मेंबर के रूप में पुष्टि करनी चाहिए।

अगर रूस किसी सदस्य देश पर हमला करता है, तब उसका मुकाबला करने के लिए नाटो कमांडरों के पास एक नई योजना है। सेनाओं को इस बात के सटीक आदेश हैं कि उन्हें कहां जाना है और क्या करना है। नाटो के पास फिलहाल 40,000 सैनिक हैं, जिन्हें बेहद कम समय में तैनात किया जा सकता है। लिथुआनिया सम्मेलन में 30 दिनों के भीतर 300,000 सैनिकों को कार्रवाई के लिए तैयार करने की योजना पर चर्चा की जाएगी। नाटो के कमांडर चाहते हैं कि सदस्य देश अपने सैन्य उपकरणों को अपडेट करें और अधिक से अधिक गोला-बारूद जमा करें।

जानकार कहते हैं, 1991 में शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से यह नाटो की सबसे व्यापक योजना है। नाटो ने 2008 में कहा था कि यूक्रेन भविष्य में गठबंधन का हिस्सा बन सकता है। लेकिन हाल ही में फास्ट-ट्रैक सदस्यता के लिए उसके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया। अगर इस वक्त यूक्रेन नाटो में शामिल होता है, तब नियमों के अनुसार नाटो देशों को रूस के खिलाफ युद्ध की घोषणा करनी होगी।

हालांकि अभी नाटो देश यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं। अमेरिका ने हाल ही में यूक्रेन को क्लस्टर बम देने की घोषणा की है। हालांकि अमेरिका का यह ऐलान सवालों के घेरे में है, क्योंकि 100 से अधिक देशों ने क्लस्टर बमों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *