भोपाल। मध्‍य प्रदेश के पूर्व मंत्री व राऊ विधानसभा से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को एमपी एमएलए कोर्ट ने शनिवार को एक साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 13 साल पुराने मामले में पटवारी को दोषी ठहराया है। जीतू पटवारी को राजगढ़ में कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर तोड़फोड़ करने के मामले में विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट भोपाल ने सजा सुनाते हुए उन्‍हें 1 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना लगाया। यह वर्ष 2009 का मामला है इसमें कुल 17 अभियुक्तों को भी 1 साल की सजा और 10 हजार का जुर्माने की सज़ा हुई है। पूर्व मंत्री विधायक जीतू पटवारी को भोपाल कोर्ट से जमानत म‍िल गई है।

मामले की सुनवाई भोपाल की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही थी। कोर्ट ने शनिवार को पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को एक साल की सजा सुनाई। साथ ही उन पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

नहीं जाएगी विधायकी :

कोर्ट के फैसले के बाद पटवारी के वकील ने मीडिया को बताया कि, ‘इस फैसले से जीतू पटवारी की विधायकी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हम अपर कोर्ट में अपील करेंगे।’ क्या है मामला? यह मामला साल 2009 का है। उस समय जीतू पटवारी प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष थे। उन्होंने प्रदेश के राजगढ़ जिले में भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। इस दौरान पटवारी समेत 17 लोगों पर शासकीय काम में बाधा डालने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के साथ ही बलवा व अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। इन पर आईपीसी की धारा 148, 294, 353, 332, 332/149, 323, 323/149 , 506(2), 336, 427 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 के सेक्शन 3 के तहत आरोप लगाए गए थे। जिस समय कोर्ट में यह फैसला सुनाया गया उस वक्त जीतू पटवारी के साथ वहां कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी और समर्थक मौजूद थे।

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