मुम्बई : क्रिकेटर सुरेशा रैना के बाद जिस प्रकार बल्लेबाज अंबाति रायुडू ने विदेशी टी20 लीग की ओर अपना रुख किया है। उससे भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) चिन्तित हो गया है। इसका कारण से है कि खिलाड़ी अब तीस से कम उम्र में ही संन्यास लेकर विदेशी लीग जाने लगे हैं। इसी को देखते हुए बीसीसीआई अब सात जुलाई को होने वाली अपनी शीर्ष परिषद की बैठक में विदेशी टी20 लीग में खिलाड़ियों के भाग लेने की वर्तमान नीति की समीक्षा करेगा। पिछले तीन साल से कई स्टार क्रिकेटर घरेलू क्रिकेटर से संन्यास लेकर विदेशी टी20 लीग खेल रहे हैं। इसमें रैना के अलावा , युवराज सिंह, हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ी भी शामिल हैं। वहीं अब इनमें रायुडू का नाम भी जुड़ गया है। घरेलू क्रिकेटर भी 30 की उम्र होने से पहले ही क्रिकेटर संन्यास ले रहे हैं और विदेशी टी20 लीग में भाग ले रहे है। इन हालातों को देखते हुए बीसीसीआई अब कड़े नियम ला रहा है।
बीसीसीआई पंजीकृत खिलाड़ियों को तभी विदेशी टी20 लीग में हिस्सा लेने की अनुमति देता है जब वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और घरेलू क्रिकेट से संन्यास ले लेते हैं जिसमें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) भी शामिल है। रायुडू ने पिछले महीने चेन्नई सुपरकिंग्स की खिताबी जीत में भूमिका निभाने के बाद आईपीएल से संन्यास ले लिया था। अब वह जुलाई में अमेरिका में होने वाली शुरुआती मेजर लीग क्रिकेट (एमएलसी) में टेक्सास सुपरकिंग्स में खेलते हुए नजर आएंगे। बीसीसीआई अपने सक्रिय खिलाड़ियों को टी20 लीग में हिस्सा लेने से बचाना चाहता है और ताजा घटनाक्रम को देखते हुए वह अपने रिटायर्ड खिलाड़ियों की भागीदारी पर एक अनुच्छेद ला सकता है। घरेलू क्रिकेट का स्तर और ज्यादा कमजोर नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए वह ऐसा कर सकता है क्योंकि टी20 फ्रेंचाइजी क्रिकेट के फैलने से काफी खिलाड़ी जल्दी संन्यास ले सकते हैं। ।