इस्लामाबाद । पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ जिन्होंने पिछले दिनों पेरिस जाकर मदद की गुहार लगाई थी, उनकी अपील आखिरकार काम आ गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की ओर से पाकिस्तान के साथ एक स्टैंडबाय एग्रीमेंट किया गया है। समझौते के बाद पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर की मदद मिलेगी। आईएमएफ के कार्यकारी अधिकारी नाथन पोर्टर की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है। आईएमएफ ने तीन जुलाई 2019 को पाकिस्तान के लिए 21वें ऋण की मंजूरी दी थी। यह कार्यक्रम 30 जून को खत्म हो रहा था। इसके बाद पाकिस्तान पर कंगाल होने का खतरा टल गया है।
तीन अरब डॉलर वाले इस स्टाफ लेवल एग्रीमेंट स्टैंडबाय एग्रीमेंट को आईएमएफ बोर्ड की मंजूरी मिलना बाकी है। पाकिस्तान जो डिफॉल्ट होने की कगार पर था, यह ऐलान उसके लिए बड़ी राहत लेकर आया है। देश वर्तमान में गंभीर भुगतान संतुलन संकट और गिरते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है। आईएमएफ के अधिकारी पोर्टर ने कहा, नया स्टैंडबाय समझौता पाकिस्तान के 2019 विस्तारित फंड सुविधा-समर्थित कार्यक्रम पर आधारित है जो जून के अंत में खत्म हो रहा है। आईएमएफ बोर्ड की एक मीटिंग जुलाई में होनी है और इसी मीटिंग में पता चलेगा कि डील को मंजूरी मिलेगी है या नहीं।
तीन अरब डॉलर की फंडिंग जो नौ महीने से ज्यादा समय की है, पाकिस्तान के लिए बड़ी राहत है। साल 2019 में 6.5 अरब डॉलर वाले कर्ज प्रोग्राम को मंजूरी मिली थी। अब इसमें से 2.5 अरब डॉलर की राशि मिलनी बाकी है। आईएमएफ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को हाल के दिनों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इन चुनौतियों में पिछले साल विनाशकारी बाढ़ और यूक्रेन में युद्ध के बाद जरूरी खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी शामिल है। उन्होंने कहा आयात और व्यापार घाटे को कम करने के अधिकारियों के प्रयासों के बावजूद, भंडार बहुत निचले स्तर तक गिर गया। इन चुनौतियों को देखते हुए, नई व्यवस्था आने वाले समय में बहुपक्षीय और द्विपक्षीय भागीदारों से वित्तीय सहायता के लिए एक रूपरेखा प्रदान करेगी।