लंदन। टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए जाने वाली पनडुब्बी में सवार सुलेमान की मां ने बताया है कि वह वर्ल्ड रिकार्ड बनाना चाहता था। इस तरह से टाइटन सबमर्सिबल से गहरे समुद्र में उतरे सुलेमान दाऊद की योजना पानी के हजारों फीट रूबिक्स क्यूब को हल करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की थी। मगर टाइटन पनडुब्बी में हुए विस्फोट के कारण उसमें सवार पांचों लोगों की मौत हो गई। विश्व रिकॉर्ड तोड़ने के लिए सुलेमान अपने रूबिक क्यूब को अपने साथ ले गए थे। सुलेमान की मां ने बताया कि पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद के 19 साल के बेटे ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स को एक आवेदन देकर उन्हें अपनी उस कोशिश के बारे में जानकारी दी थी। सुलेमान के पिता इस पल को कैद करने के लिए अपने साथ एक कैमरा भी ले गए थे। मगर बाद में शहजादा दाऊद की पत्नी को पता चला कि सुलेमान की योजना का दुखद अंत हो गया और पनडुब्बी पर सवार सभी लोगों की मौत हो गई।
इस घटना के दौरान क्रिस्टीन दाऊद अपनी बेटी के साथ सबमर्सिबल के सहायक जहाज पोलर प्रिंस पर मौजूद थीं। जब उन्हें खबर मिली कि पनडुब्बी का संपर्क टूट गया है। बताया जा रहा है कि 1912 में डूब चुके टाइटैनिक के मलबे को दिखाने वाली टाइटन पनडुब्बी गोता लगाने के दो घंटे से भी कम समय में अथाह समंदर में गायब हो गई। श्रीमती दाऊद ने कहा कि ‘उस पल मुझे समझ नहीं आया कि इसका क्या मतलब है और फिर मैं वहां से नीचे की ओर चली गई।’ उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने शुरुआत में टाइटैनिक के मलबे को देखने जाने की योजना बनाई थी लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण यात्रा रद्द कर दी गई। श्रीमती दाऊद ने कहा कि ‘इसके बाद फिर मैं पीछे हट गई और उन्हें सुलेमान को बैठने के लिए जगह दी, क्योंकि वह वास्तव में जाना चाहता था। टाइटन सबमर्सिबल में सुलेमान और उनके पिता के साथ तीन और लोग सवार थे।
पनडुब्बी में टाइटन के मालिक ओशनगेट के सीईओ स्टॉकटन रश, ब्रिटिश व्यवसायी हामिश हार्डिंग और पूर्व फ्रांसीसी नौसेना गोताखोर और प्रसिद्ध खोजकर्ता पॉल-हेनरी नार्जियोलेट शामिल थे। रूबिक क्यूब के लिए अपने बेटे के प्यार के बारे में बताते हुए श्रीमती दाऊद ने कहा कि वह इसे हर जगह ले जाता था। सुलेमान ने उनसे कहा कि ‘मैं टाइटैनिक पर समुद्र के 3,700 मीटर नीचे रूबिक्स क्यूब को हल करने जा रहा हूं।’ श्रीमती दाऊद ने कहा कि वह इसे लेकर बहुत खुश थीं क्योंकि पिता-पुत्र की जोड़ी बहुत लंबे समय से इस अभियान पर जाना चाहती थी।