मास्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सख्ती के चंलते आखिरकार आर्मी वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन झुक गए हैं। उन्होंने सरकार के साथ समझौता कर लिया है। बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने येवगेनी से बात की। उसके बाद वैगनर चीफ के तेवरकुछ  ढीले पड़ते नजर आए अब दावा किया गया है कि उन्होंने और हमला रोकने का फैसला किया है। अब प्राइवेट आर्मी अपने फील्ड कैंप की ओर लौटना शुरू हो गए हैं।

सैनिकों पर नहीं चलेगा मुकदमा

क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री एस पेस्कोव ने मीडिया से कहा कि येवगेनी प्रिगोझिन के खिलाफ लगाए गए विद्रोह के मामले में आरोप वापस लिए जाएंगे। उनके साथ शामिल सैनिकों पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा। साथ ही जिन लड़ाकों ने विद्रोह में हिस्सा नहीं लिया था वे रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। यह बात बेलारूस के राष्ट्रपति द्वारा कहने के तुरंत बाद आई है कि वह येवगेनी के साथ समझौते के बारे में बातचीत कर रहे हैं।

राष्ट्रपति पुतिन ने दिया था मारने का आदेश

एक बयान में येवगेनी प्रिगोझिन ने कहा कि खूनखराबा रोकने के लिए हमने फैसला लिया है। वैगनर वापस कैंप की ओर जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘हमने मॉस्को जा रहा काफिला रोक दिया है। इससे पहले रूसी सेना ने मॉस्को जाने वाले रास्ते ब्लॉक कर दिए थे।’ राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वैगनर लीडर्स को मारने का आदेश दिया था। राष्ट्र के नाम संदेश में उन्होंने इस विद्रोह को देशद्रोह कहा था।

क्या है वैगनर ग्रुप ?

वैगनर ग्रुप सैनिकों का एक प्राइवेट संगठन है। 2014 से पहले यह गुप्त संगठन था, जो यूक्रेन, अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिया था। इसमें अधिकांश रूस की इलीट रेजिमेंट और स्पेशल फोर्सेज के लोग हैं। समूह में 50 हजार से अधिक सैनिक हैं। वैगनर ग्रुप की शुरुआत रूसी सेना के पूर्व अधिकारी दिमित्री उत्किन ने की थी। वैगनर ने 2014 में अपने पहले अभियान में क्रीमिया पर कब्जा करने में रूस की मदद की थी। इस ग्रुप को पुतिन अपने निजी हितों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं।

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