पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले 50 से ज्यादा दिनों से चली आ रही हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। शांति कायम करने के तमाम प्रयास विफल हो रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को सुरक्षाबलों ने इथम गांव में केवाईकेएल के करीब एक दर्जन छिपे आतंकियों को हिरासत में ले लिया, लेकिन सेना का यह मिशन सफल नहीं हो सका। इन्हें हिरासत में लेते ही महिलाओं के नेतृत्व में गांव में भीड़ इकट्ठा होने लगी और हिरासत में लिए गए आतंकियों को छोड़ना पड़ा।


12 खूंखार आतंकियों को सेना ने हिरासत में लिया था

इसके बाद सुरक्षाबलों ने नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए कांगलेई यावोल कन्ना लुप ग्रुप के 12 हमलावरों को छोड़ दिया। इन 12 आतंकियों में एक आतंकी कर्नल मोइरांगथेम तांबा उर्फ ​​उत्तम भी शामिल था। उत्तम 2015 में डोगरा मामले की 6वीं बटालियन पर घात लगाकर किए गए हमले का मास्टरमाइंड था। सेना ने बताया कि हमारी टुकड़ियां और मानवरहित विमान इलाके की निगरानी कर रहे हैं। अब स्थिति नियंत्रण में है और इलाके पर करीब से नजर रखी जा रही है। अतिरिक्त टुकड़ियों को इलाके में भेजा गया है और संयुक्त अभियान जारी है।

हथियार बरामद के बाद खाली हाथ लौट गई सेना

भारतीय सेना के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को इथम गांव में केवाईकेएल के करीब एक दर्जन आतंकी छिपे हुए थे। एक सूचना के आधार पर सेना ने इन्हें हिरासत में ले लिया, लेकिन गांव की महिलाओं समेत करीब 1500 लोग उनकी सुरक्षा के लिए ढाल बन गए। भारतीय सेना की स्पीयर कॉर्प्स के मुताबिक, 1500 लोगों की भीड़ ने सुरक्षाबलों को कार्रवाई के लिए रोक दिया था, जिसके बाद सेना वहां से सिर्फ जब्त हथियार लेकर वापस हो गई।

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