हमारी न तो मंत्री सुन रहे हैं और न ही अधिकारी। ऐसे में हम जनता के बीच कैसे जाएं। सूत्रों का कहना है कि जिला पदाधिकारियों की खरी-खोटी बात सुनकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी पसोपेश में पड़ गए।

-पहले एफआईआर अब दिखावा कर रहे
सूत्रों का कहना है कि पहले दिन की बैठक में जब शिवपुरी जिले के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी, उस समय कोलारस विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी इतने नाराज हो गए थे कि वे बैठक से बाहर निकल आए। वहीं जोर से कहने लगे कि एक तरफ एफआईआर कराते हैं, दूसरी तरफ सीएम हाउस बुलाकर दिखावा करते हैं। हमें सीएम हाउस में बैठक करने और यहां खाने का शौक नहीं है। इस बीच, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा आए और उन्हें बैठक में ले गए। वहां उनसे कहा गया कि इस पर अलग से बात की जाएगी।

-सीएम ने लिया फीडबैक
प्रदेश में एक तरफ जहां संगठन पूरी तरह मैदानी मोर्चे पर सक्रिय है, वहीं मुख्यमंत्री निरंतर चुनावी गतिविधियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले तीन दिन में अपने आवास पर कई जिला भाजपा कोरग्रुप की बैठक ली, जिसमें सीएम ने सदस्यों से पूछा कि उनके क्षेत्रों में विधायक, प्रभारी मंत्रियों के दौरे हो रहे है या नहीं। उनके द्वारा कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जा रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की हितग्राही मूलक योजनाओं का सदस्यों से फीडबैक लिया और कहा कि इन योजनाओं का लाभ शतप्रतिशत पात्रों को मिलना चाहिए। इस मामले पर सभी को अपनी पूरी जिम्मेदारी उठानी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं के मप्र प्रवास को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। सूत्रों की माने तो बैठक में मुख्यमंत्री ने उनके क्षेत्र के विधायकों की वर्तमान स्थिति के बारे में भी चर्चा की। विशेषकर बैठक में मौजूद विधायकों से वन टू वन चर्चा हुई और उन्हें उनके रिपोर्ट कार्ड से अवगत कराया। सीएम ने विधायकों को बताया कि किस तरह से जहां कमी है, उसे दूर किया जा सकता है। बताया गया है कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री अन्य जिलों की कोरग्रुप के साथ बैठक करेंगे।

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