नागपुर :  नागपुर के सरकारी अस्पताल में पिछले कई दिनों से एक युवती बुर्का और डॉक्टर की ड्रेस पहनकर घूम रही थी। वह अपना  बता रही थी, लेकिन एक दिन सुरक्षाकर्मियों को उसपर शक हुआ और मामले का खुलासा हुआ, जिससे हर कोई हैरान रह गया l  इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल एवं कॉलेज परिसर में एक बड़ा ही रोचक मामला सामने आया है। यहां पिछले लगभग 20 दिनों से बुर्का पहन एक डाक्टर मरीजों से बातचीत कर रही थी। इतना ही नहीं उसने कुछ लोगों से दोस्ती भी कर ली थी। इस दौरान अस्पताल में तैनात महाराष्ट्र रक्षा बल के जवानों को उसकी गतिविधियों पर संदेह हुआ। सुरक्षाबलों ने उसका बुर्का खुलवाया तो अंदर कोई लड़की नहीं बल्कि पुरुष निकला। बुर्का पहनकर सबक्पो वह अपना नाम आयशा बता रही थी लेकिन जब बुर्का हटाया गया तो वह जावेद निकला। घटना के सामने आते ही अस्पताल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को जानकारी दी।
पूछताछ में पता चला है कि वह समलैंगिक है।

जानकारी के अनुसार, आरोपी युवक 32 वर्षीय जावेद पेशे से कंप्यूटर मैकेनिक है। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि वह समलैंगिक है और पुरुषों से दोस्ती करने के लिए अस्पताल में आता था। आरोपी जावेद पिछले 20 दिनों से बुर्के के ऊपर डॉक्टर का एप्रोन पहनकर मरीजों से मिल रहा था। इस दौरान वह ज्यादातर पुरुष मरीजों पर ही ध्यान देता था। डॉक्टर से बातचीत भी करता था। बुर्के में होने के कारण कोई पहचान नहीं पाया

बुर्का पहनकर हर रोज अस्पताल आता था जावेद

बुर्का पहनकर जावेद हर रोज अस्पताल आ रहा था कि लेकिन तभी अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मियों को उसकी चाल-ढाल पर संदेह हुआ। सुरक्षाकर्मी संतोषी नामक महिला कर्मचारी ने जावेद को रोका और पूछताछ में उसने अपना नाम आयशा सिद्दीकी बताया। इस दौरान वह महिला की आवाज में बात कर रहा था। तब संतोषी ने बुर्का उतारने को कहा तो उसने कहा कि यहां पुरुष भी मौजूद हैं और उसके यहां पराये लोगों के सामने बुर्का नहीं खोला जाता। जिसके बाद संतोषी अपने सहयोगी के साथ उसे कमरे में ले गई और जब उसने बुर्का खोला तो सभी हैरान रह गए।

बुर्के में आसानी से पुरुषों को फंसाता था जावेद

इसके तुरंत बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ शुरू की तो जावेद ने खुद को समलैंगिक होना बताया। उसने बताया कि बुर्के में होने से वह आसानी से किसी पुरुष को फंसा सकता था। सुरक्षाकर्मियों ने बुर्का उतारने के लिए बोलते ही वह बोलने लगा कि उससे गलती हो गई है, उसे बचा लो। वह जोड़कर बचाने की मिन्नत करने लगा। जावेद ने बताया कि वह पुरुष के प्रति आकर्षित होता है इसलिए वह परिसर में डॉक्टर बन कर आता है और पुरुष मरीजों और उनके रिश्तेदारों का नंबर लेता था।

कई धाराओं के अंतर्गत दर्ज किया गया केस

पुलिस को जावेद की बात पर यकीन नहीं हुआ तब उसके मोबाइल फोन की जांच की गई। मोबाइल में माय लव के नाम पर एक नंबर सेव था। पुलिस ने सोचा कि उन्हें सामने से किसी महिला की आवाज सुनाई देगी, लेकिन सामने से पुरुष की आवाज आई। फोन रिसीव करने वाले ने बताया कि वह जावेद को महिला समझकर अब तक बातें करता आ रहा था। तहसील थाने के पुलिस निरीक्षक गोल्हे ने बताया कि जावेद के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। डॉक्टर का एप्रोन पहनकर वह परिसर में घूम रहा था। इस दौरान उसे किसी का उपचार किया है या नहीं उसकी भी जांच की जा रही है।

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