नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे दुनिया के सबसे बदहाल देशों की सूची में पहले स्थान पर है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जाने-माने अर्थशास्त्री स्टीव हैंके के एनुअल मिजरी इंडेक्स में लिखा है
कि जिम्बाब्वे आर्थिक तौर पर दुनिया का सबसे बदहाल देश है, जहां अधिकतर लोग नाखुश हैं। जिम्बाब्वे की हालात युद्ध झेल रहे यूक्रेन, सीरिया और सुडान से भी खराब है। जिम्बाब्वे आसमान छूती महंगाई से त्रस्त है, जो पिछले साल 243.8 फीसदी पर पहुंच गया था। स्टीव हैंके ने देश की बदहाली के लिए राष्ट्रपति एमर्सन मनांगवा और सत्ताधारी पार्टी जैनू-पीएफ की नीतियों को भी जिम्मेदार बताया है।
हैंके की रिपोर्ट का आधार आर्थित स्थितियों के मुताबिक तय होता है। इस रैंकिंग में 157 देशों का विश्लेषण किया गया है। हैंके ने बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, बैंक-उधार दरों और जीडीपी में प्रतिशत परिवर्तन जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हैंके के एनुअल मिजरी इंडेक्स की 2022 रैंकिंग की गणना की। इंडेक्स में जिम्बाब्वे के बाद वेनेजुएला, सीरिया, लेबनान, सुडान, अर्जेंटीना, यमन, यूक्रेन, क्यूबा, तुर्की, श्रीलंका, हैती, अंगोला, टोंगा और घाना का नाम टॉप-15 में शामिल हैं। इस इंडेक्स में भारत का नाम भी शामिल किया गया है। इंडेक्स में भारत को 103 रैंक पर रखा गया है। भारत ने ब्राजील (रैंक 27), पाकिस्तान (रैंक 35), नेपाल (रैंक 63) और स्वीडन (रैंक 88) जैसे देशों से बेहतर स्थिति में है।