मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सलकनपुर में 211 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले विजयासन माता के भव्य देवीलोक का शिला-पूजन किया। उन्होंने कहा कि विकास के कार्यों के साथ जन-जन को जोड़ने वाली धर्म और संस्कृति को बढ़ावा देना भी सरकार का उत्तरदायित्व है।
सलकनपुर में देश भर के मठ, मंदिर, शक्तिपीठ, अखाड़ों के साधु, संत, महंत और पुजारियों की उपस्थिति में भव्य देवीलोक निर्माण के भूमि-पूजन में लगभग एक लाख श्रद्धालु साक्षी बने। प्रभारी मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, कृषि मंत्री कमल पटेल सहित विधायक, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी साधना सिंह, पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री चौहान ने अपार जन-समूह के साथ माँ की स्तुति भी की। उन्होंने कहा कि यह माता का आशीर्वाद ही है कि बहन-बेटियों को गलत नजर से देखने और उनके साथ गलत करने वालों को सरकार ने फाँसी देने का कानून बनाया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार माता का भव्य देवीलोक उनके ही आशीर्वाद से बनवा रही है। माँ का ही आशीर्वाद है जो उनकी सरकार ने बहनों के सम्मान और छोटी-छोटी जरूरतों के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना बनाई। उन्होंने नारियों के सम्मान को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा कि नारी सशक्तिकरण और सम्मान के लिए लाड़ली लक्ष्मी और मुख्यमंत्री कन्या विवाह सहित अनेक योजनाएँ संचालित की हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैया के मंदिर परिसर में 166 करोड़ रुपए से मंदिर संरचनाओं के साथ ही 64 योगिनी, नवदुर्गा के नौ स्वरूप की प्रतिकृति के साथ ही देवी महात्म,दुर्गा सप्तशती और विभिन्न शक्तिपीठ की आकृतियों के निर्माण के साथ ही श्लोक उकेरे जायेंगे। मुख्यमंत्री ने देश के सभी शक्तिपीठ से आए जल और पवित्र मिट्टी का भी शिलाओं के साथ पूजन किया। यह सभी सामग्री देवीलोक के निर्माण में लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि मंदिर के नीचे श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिये 45 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने माँ और साधु-संतों से प्रदेश की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया। सांसद विदिशा श्री रमाकांत भार्गव ने भी संबोधित किया।
इसके पहले मुख्यमंत्री चौहान ने सलकनपुर में देवीलोक प्रदर्शनी और निर्माणाधीन महादेवी लोक के मॉडल का अवलोकन किया। उन्होंने मंच स्थल पर बनाई गई माता विजयासन मंदिर की प्रतिकृति के दर्शन किए। इस दौरान गाजे-बाजे के साथ निकाली गई माता की रथ यात्रा में भी मुख्यमंत्री शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने सुसज्जित वाहन में सवार होकर लगभग एक लाख श्रद्धालुओं का स्वागत किया और कार्यक्रम को ऐतिहासिक रूप देने के लिए उनका आभार माना।
महोत्सव में हरियाणा से आए मशहूर भजन गायक श्री कन्हैया मित्तल के भजनों ने समां बांधा। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आई ढोल, नगाड़े, ताशे, झांझ और डमरू वादक दलों ने वादन कार्यक्रम में चार चांद लगाए।