वॉशिंगटन। अमेरिका में एक आईटी कंपनी पर कथित तौर पर नौकरी का भेदभावपूर्ण विज्ञापन देने और केवल भारतीयों से ही आवेदन मांगने के मामले में 25,500 डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जब नियोक्ता केवल किसी खास देश के आवेदकों या जिन्हें अस्थायी वीजा की आवश्यकता होती है, उनसे ही आवेदन मांगते हैं, तब वे अन्य योग्य कामगारों को हतोत्साहित करते हैं और उन्हें नौकरी का उचित मौका देने से इनकार करते हैं।
न्याय विभाग ने आरोप लगाया था कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की कंपनी इंफोसॉफ्ट सोल्यूशन इंक ने नौकरी के लिए 6 भेदभावपूर्ण विज्ञापन देकर आव्रजन एवं नागरिकता कानून (आईएनए) का उल्लंघन किया है। इन विज्ञापनों में कथित तौर पर केवल गैर-अमेरिकी नागरिकों से आवेदन मांगे गए थे और एक विज्ञापन में तब केवल भारत के लोगों से ही आवेदन करने को कहा गया था।
क्लार्क ने कहा कि नागरिक अधिकार प्रभाग राष्ट्रीय मूल या नागरिकता दर्जे में भेदभाव को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और वह इन गैरकानूनी भेदभावपूर्ण अवरोधकों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। जुर्माने के तहत, इंफोसॉफ्ट अमेरिकी प्रशासन को 25,500 डॉलर का भुगतान करेगी। यही नहीं, कंपनी के लिए आईएनए से जुड़ी जरूरतों पर अपने नियोक्ताओं को प्रशिक्षित करना, रोजगार नीतियों में उचित बदलाव लाना और विभागीय निगरानी एवं रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को पूरा करना भी अनिवार्य किया गया है।