मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि क्षिप्रा प्रदेश की पवित्र और ऐतिहासिक नदी है। यह मोक्षदायिनी है। लोगों की आस्था की प्रतीक क्षिप्रा को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखना जरूरी है। मुख्यमंत्री चौहान निवास कार्यालय समत्व भवन में पुण्य-सलिला क्षिप्रा नदी के संरक्षण-संवर्धन पर “अविरल प्रवाह योजना” के प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के चेयरमेन एस.एन. मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ मौजूद थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि क्षिप्रा नदी को पुन: प्रवाहमान करना है। सबसे पहले नदी में गंदा पानी मिलने से रोकना होगा। इसके लिए लांग टर्म प्लानिंग कर रोडमैप तैयार करें। प्लानिंग में जन-समुदाय को भी शामिल कर सहयोग प्राप्त किया जाये। रोडमैप बना कर शीघ्र मेरे समक्ष प्रस्तुत किया जाए। जानकारी दी गई कि नदी के संरक्षण-संवर्धन के लिए 5 साल में 1741 करोड़ रूपए खर्च करने की योजना है। संरक्षण-संवर्धन के तरीकों की जानकारी भी दी गई। साथ ही नदी के आस-पास के क्षेत्र को भी हरा-भरा रखने के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया गया।

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