भोपाल। मध्य  प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पहले प्रदेश के नगरीय निकायों में शासकीय भूमि पर अवैध रूप से आवास बनाकर रह रहे व्यक्तियों को सर्वे करके आवासीय पट्टे दे दिए जाएंगे। इसके लिए नगरीय निकायों को सर्वे 30 मई तक पूरा करना होगा। एक जून को सर्वे सूची का प्रकाशन करके दावे- आपत्ति आमंत्रित किए जाएंगे और 20 जून तक निराकरण कर सूची नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय को भेजी जाएगी। इसके साथ ही पट्टे का वितरण भी प्रारंभ कर दिया जाएगा। 31 जुलाई तक यह प्रक्रिया पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रदेश में 31 दिसंबर 2014 तक नगरीय निकाय में शासकीय भूमि पर बिना वैध अनुमति के आवास बनाकर रह रहे व्यक्तियों को स्थायी पट्टा देने का प्रविधान मध्य प्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधकार प्रदान किया जाना) अधिनियम 1994 में प्रविधान था। इसके बाद शहरी क्षेत्रों में बाहर से लोग आए और शासकीय भूमि पर आवास बनाकर रहने लगे। ऐसे व्यक्तियों को हटाने में होने वाली परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि 31 दिसंबर 2020 तक आवास बनाकर रहने वालों को पट्टा दिया जाएगा। इसके लिए अधिनियम में संशोधन के बाद नगरीय विकास विभाग ने पट्टे देने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।

सभी निकायों को निर्देश दिए गए हैं कि 30 मई तक हर हाल में सर्वे कर लें और 20 जून तक चिन्हित व्यक्तियों की सूची बनाकर संचालनालय को भेज दें। इसके साथ ही पट्टा वितरण भी प्रारंभ कर दिया जाए। 31 जुलाई तक यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी विभागीय अधिकारियों का कहना है कि प्रयास यही रहेगा कि जो जहां रह रहा है, उसे वहीं पट्टा दे दिया जाए। यदि संबंधित भूमि पर शासन की कोई योजना प्रस्तावित है तो फिर विस्थापन का प्रस्ताव जिला प्रशासन को देना होगा। स्थायी पट्टे जहां दिए जाएंगे, वहां सड़क, स्वच्छ पेयजल, नाली, बिजली सहित अन्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएंगी।

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