ओटावा। कनाडाई सांसद और उनके परिवार को कथित रूप से धमकाने के मामले में चीनी दूतावास के एक अधिकारी को देश छोड़ने के आदेश के जवाब में चीन ने एक कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह कनाडा के ‘‘विवेकहीन कदम का कड़ा विरोध कर उसके जवाब में चीन समान कार्रवाई कर रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि शंघाई में पदस्थ कनाडाई राजनयिक लिन लालोंदे को 13 मई तक देश छोड़ने को कह दिया है। इतना ही नहीं चीन जवाब में आगे और कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखता है’’।
बीजिंग में कनाडा के दूतावास की आदेश पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। इसके पहले कनाडा ने कहा था कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार एक चीनी राजनयिक को निष्कासित कर रही है, जिन पर कनाडा की जासूसी एजेंसी ने एक विपक्षी सांसद और हांगकांग में उनके परिवार के सदस्यों को धमकाने की साजिश में शामिल रहने का आरोप लगाया है। चीन ने 1997 में पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश को अपने अधिकार में ले लिया था, और हाल के वर्षों में उसके लोकतांत्रिक संस्थानों और स्वतंत्र प्रेस को खत्म करके 50 वर्षों तक अद्वितीय राजनीतिक और नागरिक अधिकारों को बनाए रखने के एक समझौते को ढंग से तोड़ दिया गया है।
चीन नियमित रूप से चीनी मूल के लोगों की, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समूहों की आलोचनाओं का मुंह बंद करने के मकसद से उनके परिवार के सदस्यों को धमकाता है। कनाडाई वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि टोरंटो में पदस्थ राजनयिक झाओ वी के पास देश छोड़ने के लिए पांच दिन हैं। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या झाओ अभी कनाडा में ही हैं। कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने कहा था कि कनाडा ने झाओ को ‘अवांछित व्यक्ति’ करार देकर कहा है कि कनाडा अपने आंतरिक मामलों में किसी तरह के विदेशी हस्तक्षेप को सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा में राजनयिकों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे इस तरह का व्यवहार करते रहे तब उन्हें घर भेज दिया जाएगा।’’
कनाडा की खुफिया सेवा ने संकेत दिया था कि 2021 में विपक्षी कंजरवेटिव सांसद माइकल चोंग और हांगकांग में रहने वाले उनके रिश्तेदारों को उस समय निशाना बनाया गया जब चोंग ने चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड की निंदा की थी। कनाडाई जासूसी एजेंसी ने ब्यौरा सार्वजनिक नहीं किया है। चोंग शिनझियांग प्रांत में मुस्लिम उइघर समुदाय के सदस्यों के साथ बीजिंग के बर्ताव के आलोचक रहे हैं।