कीव। यूक्रेन की वायुसेना ने कुछ ऐसा कर दिया हैं, कि जिसके बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का गुस्सा सातवें आसमान पर होगा। यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि उसने अमेरिका के पैट्रियट डिफेंस सिस्टम का प्रयोग करके कीव के ऊपर एक रूस की हाइपरसोनिक किंझल मिसाइल को ढेर किया है। यह पहली बार हुआ है कि यूक्रेन ने रूस की सबसे एडवांस्ड मिसाइल में से एक को इंटरसेप्ट करके ढेर कर दिया है।
यूक्रेनी मिलिट्री को हाल ही में अमेरिका से पैट्रियॉट डिफेंस सिस्टम मिला है। यूक्रेनी वायुसेना के कमांडर मायकोला ओलेशचुक ने कहा कि किंझल जैसी बैलिस्टिक मिसाइल को यूक्रेन की राजधानी पर हमले से पहले ही इंटरसेप्ट कर लिया गया था। उन्होंने बताया है कि चार मई को जब कीव पर हमले हुए तब उसी दिन इस मिसाइल को इंटरसेप्ट करके ढेर कर दिया गया था। यह भी पहली बार था जब यूक्रेन ने पैट्रियट डिफेंस सिस्टम का प्रयोग किया है।
ओलेशचुक ने कहा कि केएच-47 मिसाइल को मिग-31 विमान से लांच किया गया था। इस मिसाइल को रूस से फायर किया गया था और पैट्रियट मिसाइल ने इस मार गिराया है। किंझल मिसाइल, रूस के सबसे लेटेस्ट और एडवांस्ड हथियारों में से एक है। रूसी सेना का दावा है कि हवा से लांच की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 2,000 किलोमीटर (लगभग 1,250 मील) तक है। यह ध्वनि की गति से 10 गुना ज्यादा स्पीड से उड़ती है और इस रोकना मुश्किल होता है। हाइपरसोनिक स्पीड और इसके वॉरहेड मिसाइल को अंडररग्राउंड बंकर्स या पहाड़ी सुरंगों में छिपे टारगेट को नष्ट करने में सक्षम बनाता है। यूक्रेन ने पहले यह कहा था कि उसकी सेना के पास किंझल मिसाइल को रोकने के लिए जरूरी संसाधन नहीं हैं। वायुसेना के प्रवक्ता यूरी इहनाट ने कहा, रूस का कहना है कि पैट्रियट एक पुराना अमेरिकी हथियार है और रूसी हथियार दुनिया में सबसे अच्छे हैं। अब इस बात की भी पुष्टि हो गई है कि पैट्रियॉट एक सुपर हाइपरसोनिक मिसाइल के खिलाफ भी प्रभावी ढंग से काम कर सकता है। उन्होंने कहा कि किंजल को सफलतापूर्वक रोकना रूस के मुंह पर एक जोरदार तमाचा है। अप्रैल के अंत में यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइलों की पहली डिलीवरी मिली थी।
अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यूक्रेनी मिलिट्री को कितने पैट्रियॉट सिस्टम मिले या फिर इस कहां तैनात किया गया है। लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका, जर्मनी और नीदरलैंड्स ने यूक्रेन को यह सिस्टम दिए हैं। जर्मनी और अमेरिका ने पिछले दिनों कहा था कि उन्होंने कम से कम एक सिस्टम तब यूक्रेन को दिया है। जबकि नीदरलैंड्स की तरफ से इनकी संख्या दो थी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वर्तमान में कितने सिस्टम ऑपरेट हो रहे हैं