कोमल के हाथों और अंगुलियों के कोमल हुनर का स्पर्श पाकर तैयार हुईं निर्जीव कलाकृतियों को देखकर एक बारगी लगता है कि वे बोल उठेंगीं। कोमल ने स्वप्रेरणा से चित्रकला और मूर्तिकला को अपनाया है। बिना प्रशिक्षण लिए वे एक से बढ़कर एक कलाकृतियाँ गढ़ रही हैं। उन्हें जब पता चला कि बाल भवन में जिला स्तरीय “लाड़ली लक्ष्मी उत्सव” मनाया जा रहा है, तो वे अपनी कलाकृतियाँ लेकर वहाँ पहुँच गईं। लाड़ली उत्सव में भाग लेने आए जनप्रतिनिधिगण और सभी प्रतिभागियों की उन्हें खूब सराहना मिली।
शहर की नारायण विहार कॉलोनी, गोला का मंदिर निवासी कु. कोमल बाथम वीआरजी कॉलेज मुरार की एमकॉम की छात्रा हैं। उनके पिता श्री बालकिशन बाथम माली का व्यवसाय करते हैं। कोमल बताती हैं कि मैंने चित्रकला और मूर्तिकला का कहीं से प्रशिक्षण नहीं लिया है। मुख्यमंत्री मामा शिवराज सिंह चौहान द्वारा समय-समय पर बालिकाओं को दिए गए प्रोत्साहन से हमें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है।
बाल भवन में लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के दौरान उनके द्वारा लगाए गए कलाकृतियों के स्टॉल पर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर और कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह भी पहुँचे। उन्होंने कोमल के हुनर की भूरि-भूरि प्रशंसा की । कोमल द्वारा तैयार की गई भगवान श्रीकृष्ण की कलाकृति को कलेक्टर सिंह क्रय कर अपने घर ले गए। इसी तरह अन्य लोगों ने भी कोमल द्वारा तैयार की गईं भगवान गणेश, भोले शंकर, राधा कृष्ण व भगवान बुद्ध, शहीद-ए-आजम भगत सिंह एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के चित्र सहित अन्य कलाकृतियों को खूब पसंद किया गया।
कोमल बताती हैं कि जब मैंने कलाकृतियाँ बनाना शुरू कीं तो मेरी माँ और छोटा भाई भी कलाकृतियाँ बनाने लगे हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई लाड़ली लक्ष्मी व लाड़ली बहना योजना से हम जैसी बालिकाओं और जरूरतमंद महिलाओं को आगे बढ़ने की ताकत मिली है।