ग्वालियर l केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर , केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और क्षेत्र से वर्तमान सांसद विवेक शेजवलकर । तोमर व सिंधिया ने तो ग्वालियर से लड़ने के लिए कई महीनों से प्रयास भी शुरू कर दिए हैं और शेजवलकर के बारे में भाजपा में चर्चाएं हैं कि शायद इस बार उन्हें टिकट नहीं मिले । अभी हाल में ग्वालियर के दो बड़े सरकारी कार्यक्रमों अम्बेडकर महाकुंभ और रेलवे स्टेशन पुनर्विकास शिलान्यास समारोह के निमंत्रण पत्र में और सरकारी विज्ञापन में ग्वालियर सांसद का नाम ही नहीं था।

ऐसे में कायस लगाए जा रहे है कि परिस्थितियों के हिसाब से सत्तारुढ़ भाजपा के तीन बड़े नेताओं में से एक ग्वालियर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। आरएसएस और नागपुर में पकड़ रखने वाले शेजवलकर यूं ही हार मानने वाले नहीं हैं। वह चाह रहे हैं कि उनके बेटे प्रांशु को ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिल जाए , फिर भले ही उन्हें ‘ वीआरएस ‘ दे दिया जाए। इधर , तोमर को अपने वर्तमान संसदीय क्षेत्र मुरैना श्योपुर से डर लग रहा है तो सिंधिया अपने 2019 के संसदीय क्षेत्र शिवपुरी – गुना – अशोकनगर को लेकर कॉन्फिडेंस में नहीं हैं। मुरैना से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए गजराज सिंह सिकरवार सक्रिय हो गए हैं और शिवपुरी के भाजपा सांसद केपी यादव व सिंधिया के बीच अंदरुनी तनातनी जगजाहिर है।

इसलिए दोनो को ही ग्वालियर अपने लिए सुरक्षित लग रहा है। वैसे , नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद ही ग्वालियर संसदीय सीट पर प्रबल उम्मीदवार का नाम स्पष्ट होगा। क्योंकि सिंधिया व तोमर दोनो ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी रहे हैें और भविष्य में भी उनकी दावेदारी से इन्कार नहीं किया जा सकता ।

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