कांग्रेस के पार्षद प्रत्याशी राजकुमार सिंह रज्जू ने माफिया अतीक अहमद को शहीद का दर्जा दिए जाने एवं भारत रत्न देने की मांग की है। रज्जू ने माफिया की कब्र पर तिरंगा भी चढ़ाया और कहा कि मैं आपको (अतीक) को भारत रत्न एवं सम्मान दिलाऊंगा। इस बाबत वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने रज्जू को हिरासत में ले लिया है। साथ में पार्टी ने भी छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
कांग्रेस ने रज्जू को वार्ड संख्या 43 आजाद स्क्वायर से प्रत्याशी बनाया है। प्रचार अभियान के दौरान रज्जू ने यह विवादित देकर कांग्रेस की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं। कांग्रेस प्रत्याशी का कहना था कि अतीक अहमद पांच बार विधायक और सांसद रह चुका है। योगी सरकार ने उसका मर्डर करा दिया। रज्जू ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की। साथ ही कहा कि जब मुलायम सिंह यादव को पद्म सम्मान दिया जा सकता है तो…। अतीक को भी भारत रत्न एवं शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। रज्जू ने कहा कि अतीक को शहीद का दर्जा देकर सम्मान क्यों नहीं दिया गया।
पार्टी ने कहा- मानसिक रूप से चल रहे बीमार
रज्जू के इस बयान के दौरान शहर अध्यक्ष प्रदीप मिश्र अंशुमान समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। शहर अध्यक्ष ने रज्जू को इस तरह का बयान देने से रोका और दूसरी तरफ ले गए लेकिन रज्जू यहीं नहीं रुके। कसारी-मसारी कब्रिस्तान में अतीक और अशरफ की कब्र पर तिरंगा चढ़ाने भी पहुंच गए। रज्जू ने अतीक की कब्र पर तिरंगा चढ़ाने के साथ नारे भी लगाए। उन्होंने बगल में स्थित असद की कब्र पर भी तिरंगा चढ़ाया लेकिन इस दौरान पास में ही कुछ और लोग खड़े थे।
उन लोगों ने कहा कि यह असद की कब्र है। अशरफ की कब्र दूसरी तरफ है। इसके बाद वह अशरफ की कब्र की तरफ गए। अतीक की कब्र पर तिरंगा चढ़ाए जाने की जानकारी होने पर पुलिस ने रज्जू को गिरफ्तार कर लिया। देर रात तक कोतवाली थाने में ही रज्जू को रखा गया था। अंशुमन का कहना है कि रज्जू का यह बयान उनका निजी है। इससे पार्टी को कोई लेना देना नहीं है। बताया कि छह साल के लिए निष्कासित करने के साथ रज्जू की पार्षद पद की उम्मीदवारी भी वापस ले ली गई है।
प्रदेश महासचिव विवेकानंद पाठक का कहना है कि रज्जू चार-पांच साल से मानसिक रूप से बीमार चल रहे हैं। टिकट बंटवारे के समय इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। इससे उन्हें टिकट देने में चूक हो गई। रज्जू को उकसाने वाले पत्रकार के खिलाफ भी तहरीर दी गई है।
रज्जू कांग्रेस सिंबल पर ही लड़ेंगे चुनाव
विवादित बयान के बाद कांग्रेस ने राजकुमार सिंह रज्जू को निष्कासित करने के साथ पार्टी की उम्मीदवारी भी वापस ले ली है लेकिन वह पंजे के निशान पर ही चुनावी मैदान में रहेंगे। रज्जू ने नामांकन फार्म के साथ पार्टी से टिकट मिलने की दावेदारी वाला प्रपत्र लगाया है। उनका नामांकन वैध भी पाया गया है। वार्ड के निर्वाचन अधिकारी सुवेंद्र कुमार का कहना है कि उन्होंने सभी जरूरी दस्तावेज लगाए हैं। इसलिए उन्हें कांग्रेस का चुनाव चिह्न मिलेगा। ऐसे में रज्जू बृहस्पतिवार को नाम वापस नहीं लेते हैं तो तकनीकी तौर पर वह कांग्रेस के प्रत्याशी ही होंगे।