सूरत: ‘मोदी सरनेम’ वाले मानहानि केस में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को सूरत कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. राहुल गांधी की सजा पर रोक नहीं लगेगी, क्योंकि सूरत कोर्ट ने कांग्रेस नेता की अर्जी खारिज कर दी है. दरअसल, ‘मोदी सरनेम’ मानहानि के मामले में सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी. इस सजा के खिलाफ राहुल गांधी की ओर से निचली अदालत के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
माना जा रहा है कि राहुल गांधी अब इस मामले में राहत के लिए हाई कोर्ट का रुख कर सकते हैं. सूरत कोर्ट से राहुल गांधी को राहत नहीं मिलने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता और संचार मामलों के प्रभारी कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कानून के तहत अब भी हमारे पास जो विकल्प उपलब्ध हैं, हम उन सभी विकल्पों का इस्तेमाल करना जारी रखेंगे।
इससे पहले सूरत की निचली अदालत ने इस मामले में राहुल गांधी को दो साल की सजा भी सुनाई थी।दोषी ठहराये जाने और सजा सुनाये जाने के फैसले पर अगर सूरत कोर्ट रोक लगा देता तो राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो सकती थी. मगर सूरत कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।इसलिए राहुल गांधी की मुसीबत और भी बढ़ सकती है. राहुल को 23 मार्च को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोषी करार दिया था. इसके बाद वह 24 मार्च को संसद से अयोग्य करार दिए गए थे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरपी मोगेरा की अदालत ने पिछले बृहस्पतिवार को राहुल गांधी के आवेदन पर फैसला 20 अप्रैल तक सुरक्षित रख लिया था। राहुल को आपराधिक मानहानि के इस मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाई जाने के एक निचली अदालत के आदेश के खिलाफ राहुल की अपील लंबित रहने के बीच फैसला सुरक्षित रखा गया।
राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से सांसद बने थे। गत 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया।