नई दिल्ली। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के हत्यारों के पत्रकार के रूप में पहुंचने के मामले ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सरकार की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे मामलों के दोबारा होने से बचने और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गृहमंत्रालय को एसओपी बनाने को कहा है। एसओपी बनाने का काम शुरू उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश के बाद गृहमंत्रालय ने एसओपी बनाने का काम शुरू कर दिया है। लेकिन एसओपी तैयार करने की समय सीमा तय नहीं है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी भी घटना के दौरान कवरेज के दौरान पत्रकारों की पहचान से लेकर उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश बनाना होगा, जिसका पालन देश में सभी पुलिस को करना होगा। पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चुनौती देश भर में हजारों न्यूज चैनल, अखबार और लाखों डिजिटल मीडिया को देखते हुए पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है। ध्यान देने की बात है कि अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपी पत्रकार के रूप में आए थे। पत्रकार के रूप में आने के कारण पुलिस ने न तो उन्हें रोका और न ही उनकी जांच की। जिस तरह से अतीक और अशरफ पर गोलियां चलाई गईं, उससे वहां मौजूद पत्रकारों को भी खतरा हो सकता है। भगदड़ में पत्रकार चोटिल भगदड़ में एक पत्रकार का पैर मुड़ जाने का भी मामला सामने आया है। ऐसे में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। ताकि कोई भी अपराधी या असामाजिक तत्व उनके बीच घुसपैठ नहीं कर सके।