मुंबई l नवी मुंबई के खारघर क्षेत्र में रविवार को खुले मैदान में आयोजित किए गए ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह के दौरान तेज धूप की चपेट में आने के बाद 11 लोगों मौत हो गई। कार्यक्रम में लाखों लोगों ने भाग लिया था। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने रविवार रात एक विज्ञप्ति में कहा, तेज धूप की चपेट में आने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि नवी मुंबई और पनवेल शहर के अस्पतालों में कुछ मरीज ‘वेंटिलेटर’ पर हैं और उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। कुछ लोगों को खारघर के टाटा अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है।

अस्पताल में भर्ती लोगों से मिलने पहुंचे विपक्षी दल के नेता

उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और राकांपा नेता अजीत पवार ने एमजीएम कमोठे अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने अस्पताल में डॉक्टर से बातचीत की और स्थिति का जायजा लिया। पीड़ित लोगों से मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम लोगों से मिले हैं, 4-5 लोगों से बातचीत की, उनमें से दो की हालत गंभीर है। कार्यक्रम की योजना ठीक से नहीं बनाई गई थी। कौन करेगा इस घटना की जांच?

पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि कुछ अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं और चिकित्सकों की देखरेख में हैं। सीएमओ द्वारा विज्ञप्ति जारी किए जाने से पहले सीएम शिंदे ने नवी मुंबई के एक अस्पताल के बाहर संवाददाताओं से कहा कि अस्पताल में कम से कम 50 लोगों को भर्ती कराया गया था, जिनमें से 24 अभी भी भर्ती हैं जबकि बाकी को प्राथमिक उपचार के बाद वहां से छुट्टी दे दी गई। उन्होंने इन मौतों को ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया।

घटनास्थल के निकटतम मौसम केंद्र ने अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। शिंदे ने कहा कि प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए लोगों को मुफ्त इलाज मुहैया किया जाएगा। राज्य सरकार उनके इलाज के लिए अपने खजाने से भुगतान करेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि अगर मरीजों का अतिरिक्त इलाज किए जाने की जरूरत है, तो उन्हें विशेष अस्पतालों में भेजा जाए।

समारोह में अमित शाह भी थे मौजूद

इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. दत्तात्रेय नारायण को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार प्रदान किया। पद्म पुरस्कार से सम्मानित डॉ. नारायण को अप्पा साहेब धर्माधिकारी के नाम से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र सरकार ने डॉ. अप्पा साहेब धर्माधिकारी को वर्ष 2022 का महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार प्रदान करने का फैसला किया था।

 20 लाख से भी ज्यादा लोग हुए शामिल

इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य के संस्कृति मंत्री सुधीर मुंगंटीवार और डॉ. धर्माधिकारी के परिजन भी मौजूद रहे। समारोह में 20 लाख से अधिक लोगों के लिए इंतजाम किया गया था। हालांकि अब सामने आया है कि उपस्थित लोगों के बैठने की व्यवस्था खुले में की गई थी और कोई शेड नहीं था।

अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों ने कार्यक्रम के दौरान तेज धूप से समस्याओं के बारे में बताया तुरंत उन्हें  कार्यक्रम स्थल पर स्थापित 30 मेडिकल बूथों के लिए रेफर किया गया। उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर लोगों के इलाज के लिए गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) की सुविधा वाले मेडिकल बूथों पर कुल 30 डॉक्टरों को तैनात किया गया था।

वाहनों की आवाजाही पर रोक

इस कार्यक्रम के लिए राज्य विभाग ने मुंबई-गोवा राजमार्ग संख्या 66 के खारघर-इंसुली खंड, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, मुंबई-पुणे पुराने राजमार्ग और अहमदाबाद-मुंबई राजमार्ग पर शनिवार और रविवार को डंपर, ट्रक व टैंकर जैसे भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था।

राज्य में 1995 में शिवसेना-भाजपा गठबंधन के सत्ता में आने के बाद महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार की स्थापना की गई थी। शुरुआत में यह पुरस्कार साहित्य, खेल और विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को दिया जाता था, लेकिन बाद में इसे सामाजिक कार्य, पत्रकारिता, लोक प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी प्रदान किया जाने लगा।

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