वॉशिंगटन। चीन और रूस से खतरे को देखकर अमेरिका परमाणु बम से लैस नई पीढ़ी का हथियार बनाने में जुट गया है। अमेरिका ने अपनी जमीन आधारित परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को एक नई पीढ़ी के रीएंट्री वीइकल से लैस करने की योजना बनाई है। अमेरिका ने यह कदम उस समय पर उठाया है जब चीन और रूस दोनों ही महाविनाशक हाइपरसोनिक मिसाइलों के मामले में दुनिया को पीछे छोड़ चुके हैं।

रूस और चीन के सामूहिक खतरे से निपटने के लिए अब अमेरिका अपने नए प्‍लान पर जुट गया है। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी वायुसेना ने नेक्‍स्‍ट जनरेशन रीइंट्री वीइकल को अपनी नई एलजीएम-35ए सेंटीनल अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल के ऊपर लगाने का फैसला किया है। यह एनजीआरवी इस तरह से बनाया गया है ताकि किसी हमले में यह बचा रहे, मारक क्षमता और सटीकता ज्‍यादा हो। इस नेक्‍स्‍ट जनरेशन रीइंट्री वीइकल में एक परमाणु मिसाइल का वारहेड लगा होगा।

अमेरिकी वायुसेना अभी सें‍टीनल मिसाइल पर एक ही वारहेड लगाने की तैयारी में है लेकिन अंतरराष्‍ट्रीय सुरक्षा माहौल को देखते हुए इस वॉरहेड की संख्‍या को 2 या 3 किया जा सकता है। इस एनजीआरवी में भविष्‍य में बनने वाले वॉरहेड को भी फिट किया जा सकेगा। यह परियोजना अमेरिका की लंबे समय से जमीन आधारित अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों को बदलने के प्रयासों का हिस्‍सा है। इससे पहले अप्रैल में खबर आई थी कि अमेरिका अपनी मिनटमैन 3 मिसाइल की जगह परएलजीएम-35ए सेंटीनल मिसाइल को तैनात करने जा रहा है। मिनटमैन मिसाइल कोल्‍ड वॉर के जमाने की है। अमेरिका अपने आधुनिकीकरण योजना को साल 2029 तक पूरा करना चाहता है। सेंटीनल मिसाइल साल 2070 के दशक तक सेवा में बनी रहेगी। इस नई मिसाइल में सुरक्षा उपाय, गाइडेंस सिस्‍टम और वार करने की ताकत को बढ़ाया गया है।

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