मास्को। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति बनने के बाद अपने पहले विदेश दौरे पर रूस पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। जिनपिंग ऐसे समय पर रूस पहुंचे हैं, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। विस्तारवादी चीन के राष्ट्रपति के रूप में भले जिनपिंग आक्रामक रहे हों, लेकिन उनकी रूस यात्रा के दौरान उन्हें शांतिदूत के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं। पश्चिमी देशों की ओर से दबाव महसूस कर रहे पुतिन को जिनपिंग से मिलकर काफी खुशी हुई, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि चीन हथियार भी देगा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपना समर्थन भी बढ़ायेगा। हालांकि पश्चिम ने चीन को इस बात के लिए आगाह किया है कि रूस को कोई हथियार नहीं दिये जायें। जिनपिंग रूस दौरे के दौरान पहले ऐसे नेता भी बन गये हैं, जिन्होंने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद सबसे पहले उनसे हाथ मिलाया।
चीनी राष्ट्रपति ने रूस की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। क्रेमलिन में अपनी उच्च स्तरीय वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने बीजिंग के यूक्रेन शांति प्रस्ताव पर चर्चा की। हम आपको बता दें कि रूस द्वारा यूक्रेन में अपना सैन्य अभियान शुरू करने के बाद से जिनपिंग की मॉस्को की यह पहली यात्रा है। इस बीच चीनी राष्ट्रपति ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए अपनी शांति योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि यह सभी पक्षों की ‘वैध’ चिंताओं को ध्यान में रखती है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की व्यापक समझ को दर्शाती है। पुतिन के साथ वार्ता के दौरान शी ने यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए शांति वार्ता की वकालत की।
मीडिया में प्रकाशित एक खबर के अनुसार शी जिनपिंग कहा था कि 10 साल पहले राष्ट्रपति चुने जाने के बाद मैंने सबसे पहले रूस का दौरा किया था। शी (69) ने कहा कि उन्होंने पिछले 10 वर्षों में आठ बार मॉस्को का दौरा किया और द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठक के दौरान रूसी नेता से 40 से अधिक बार मुलाकात की। हाल ही में ईरान और सऊदी अरब के बीच एक शांति समझौता कराने में चीन की सफल मध्यस्थ की भूमिका से उत्साहित शी अब वैश्विक कूटनीति में चीन की भूमिका को बढ़ाने के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए एक समझौते पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। शी ने अपने लेख में कहा कि पिछले साल से यूक्रेन संकट चौतरफा बढ़ा है।
बहरहाल, देखना होगा कि शी ने तीसरी बार चीनी राष्ट्रपति बनने के बाद से अपने लिये अंतरराष्ट्रीय भूमिकाएं तय करने का जो सिलसिला चलाया है, क्या उस सिलसिले को उनकी रूस यात्रा आगे बढ़ाने में सफल रहती है या नहीं। वैसे यूक्रेन को भी चीनी राष्ट्रपति के शांति प्रस्ताव से उम्मीद है। वह उम्मीद कर रहा है कि युद्ध समाप्त हो, लेकिन पश्चिमी देशों के चीनी प्रस्ताव पर रुख को देखते हुए लगता नहीं कि यह युद्ध जल्द समाप्त होगा।