मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि चंबल क्षेत्र का विकास जनता का कल्याण ही मेरी प्राथमिकता है। विकास हो तो चंबल भी पीछे न रहे। इसलिये चंबल क्षेत्र के लिये अटल एक्सप्रेस-वे श्योपुर, मुरैना, भिण्ड से निकाला जा रहा है। इस पर 8 हजार करोड़ रूपये व्यय होंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुझे ज्ञात हुआ है कि अटल एक्सप्रेस-वे का जो सर्वे हुआ है, उसमें किसानों की बेसकीमती जमीन जा रही है। इसके लिये मैं चंबल कमिश्नर दीपक सिंह सहित भिण्ड, मुरैना एवं श्योपुर कलेक्टरों को निर्देशित करता हूं कि अटल एक्सप्रेस-वे का रि-सर्वे कराया जाये, ताकि किसानों की बेसकीमती जमीन नहीं जाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पुनः जमीन चिन्हांकन करें, किसानों की बेसकीमती जमीन अटल एक्सप्रेस-वे में नहीं जाये। अटल एक्सप्रेस-वे में सरकारी जमीन मिले, किसानों की कीमती जमीन को न लिया जाये। ऐसा सर्वे किया जाये कि शासकीय जमीन का अधिक उपयोग किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक्सप्रेस-वे बनने से उद्योगों के साथ-साथ किसान भी अपनी खेती कर सकें और उद्योंगो में बेटा-बेटियों को रोजगार मिल सके, तो विकास के द्वार तेजी से खुलेंगे।

मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को मंत्रालय भोपाल से वीडिया कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चंबल कमिश्नर, भिण्ड, मुरैना और श्योपुर कलेक्टरों को संबोधित कर रहे थे।

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में अधिकतर छोटे किसानों की संख्या ज्यादा है। अटल एक्सप्रेस-वे के बनने से अगर छोटे किसानों की जमीन उसमें जाती है, तो उनके लिये कठिनाई होगी। छोटे किसानों के लिये 2-5 बीघा जमीन अत्यंत उपयोगी है। इसलिये छोटे किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुये अटल एक्सप्रेस-वे का रि-सर्वे कराया जाये, जिससे छोटे किसानों की बेसकीमती जमीन बच सके। उन्होंने कहा कि अटल एक्सप्रेस-वे के बनने से छोटे, मध्यम, उद्योग लगेंगे, जिससे इस क्षेत्र का विकास भी तेजी से बढ़ेगा। इसके अलावा केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा सबलगढ़ से करोली जाने के लिये अभी अटारघाट पुल बनकर तैयार हुआ है। इस पुल के बनने से अब लोगों को करोली जाने के लिये रास्ता सुगम हो गया है। अब उन्हें मुरैना, धौलपुर, बाड़ी होकर करोली नहीं जाना पड़ेगा। अब वे शिवपुरी से सबलगढ़ और करोली अटारघाट पुल से पहुंच सकेंगे। यह बात उन्होंने दिल्ली से गूगल मीट से जुड़कर अटेंड किया। वहां जौरा विधायक श्री सूवेदार सिंह रजौधा एवं जौरा क्षेत्र के किसान मौजूद थे।

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