फिरोजपुर, 07 जनवरी। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने सतलुज नदी से एक पाकिस्तानी नाव बरामद की है। बरामदगी के वक्त यह नाव खाली थी, किंतु सुरक्षा एजेंसियों ने विवेचना शुरू कर दी है। सुरक्षाबल यह पता लगाने के प्रयास में हैं कि नाव यहां कब आई, इसमें कौन लोग सवार थे और इसे यहां लाए जाने का क्या उद्देश्य था। गौरतलब है कि जहां नाव मिली है वहां से वह स्थाना ज्यादा दूर नहीं है, जहां प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले का मार्ग प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया था।
बीएसएफ ने सतुलुज में खाली और लावारिस मिली नाव को पाकिस्तानी इसलिए माना है, क्योंकि नाव मिलने के स्थान से सतलुज नदी पाकिस्तान से निकलकर भारत में दाखिल होती है। यह नाव पाकिस्तान की तरफ से नदी के बहाव के साथ आई है। सुरक्षा बल विवेचना कर रहे हैं कि यह नाव अकस्मात ही आ गई या किसी ने सोचसमझ कर किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए इसे भेजा है। विवेचना में जुटी BSF ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक कथन नहीं किया है। पाकिस्तानी नाव की बरामदगी इसलिए अहम है, क्योंकि दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला यहां फंसा था, और उनकी सुरक्षा में चूक पर स समय राष्ट्रीयव्यापी बहस चल रही।
यह है सतलुज का प्रवेश मार्ग: हुसैनीवाला से जाती है पाकिस्तान
हुसैनीवाला से गत्ती तेलू वाला मल–फिरोजपुर–डोना तेलू मलवाला–फिरोजपुर–गत्ती महमूद के हिथार–फिरोजपुर–राजा राय-फिरोजपुर–डोना मित्तर–डोना–बहादुरके–गुरु हरसहाय एरिया–फिरोजपुर–वाले शाह हिथार–बग्गू हट्टी–फाजिल्का। गौरतलब है कि फिरोजपुर पाकिस्तान की सीमा से सटा होने की वजह से बेहद संवेदनशील जिला है। जहां प्रधानमंत्री के काफिले को हाइवे ओवर-ब्रिज पर रुकना पड़ा था, वह जगह भी पाकिस्तान सीमा से आकाशीय तौर पर महज 20 किमी दूरी पर है। इस क्षेत्र में कई बार टिफिन बम और विस्फोटक मिल चुके हैं। नवंबर में दिवाली से पहले भी भारत-पाक सीमा के गांव से पुलिस ने टिफिन बम बरामद किया था। यहां से हैंड ग्रेनेड भी बरामद किए जा चुके हैं।
नाव के आने के मार्ग की खोज में जुटी है BSF, सर्च ऑपरेशन जारी
सतलुज नदी में पाकिस्तानी बोट मिलने के बाद BSF ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। बीएसएफ की टीम आसपास के इलाकों को खंगालने में जुट गई है। यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं कुछ लोग नाव में सवार होकर भारतीय सीमा में तो नहीं आए। हालांकि अभी तक कुछ हाथ नहीं लगा है, किंतु सूत्रों की आशंका के अनुसार पाकिस्तान के जरिए नशा और हथियार भेजने की कोशिश के तहत इस नाव को प्रवेश कराया गया हो सकता है। ज्ञातव्य है कि सुरक्षा बल पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन प खास नजर रखे हुए हैं औऱ पंजाब में बीएसएफ का दायरा भी 50 किमी तक बढ़ा दिया गया है। इन परिस्थितियों में ड्रोन की जगह नाव का इस्तेमाल भी आपत्तिजनक सामग्री प्रेषित करने में किया जा सकता है।
बीएसएफ टीम आसपास के क्षेत्रों में संदिग्ध पैरों के निशान भी तलाश रही है। गौरतलब है कि पाकिस्तन पूर्व में भी इस तरह की नावें भेजता रहा है, 2018 में भी इसी तरह की नाव जब्त की जा चुकी है। ज्ञात हो कि पाकिस्तानी नाव की बरामदगी के समय केंद्र सरकार की हाई लेवल विवेचना समिति के सदस्य गृह मंत्रालय के सुरक्षा सचिव सुधीर कुमार, IB के जॉइंट डायरेक्टर बलबीर सिंह और SPG के IG एस. सुरेश प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक की विवेचना के लिए फिरोजपुर में ही है।