ग्वालियर, 27 सितंबर। कृषि कानून और महंगाई के विरोध में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने सोमवार को भारत बंद की घोषणा की थी। बंद का असर तब तक रहा जब तक जबरिया बंद कराने निकले प्रदर्शनकारियों के झुंड सक्रिय रहे। तोड़-फोड़ के डर से दुकानें बंद किए बैठे व्यापारियों ने 11 बजे के बाद जब जबर्दस्ती कर रहे झुंड निष्क्रिय हुए तो दुकानें खोल लीं। इस दौरान दुकानें खोले बैठे कुछ दुकानदारों की प्रदर्शकारियों से झड़पें भी हुईं। कुछ दुकानदारों ने पुलिस को शिकायत भी दर्ज कराई हैं।

गौरतलब है कि भारत बंद को सफल बनाने के लिए कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत दूसरे विपक्षी दल सुबह से ही शहर के बाजारों व प्रमुख मार्गो पर रैली निकाल व्यापारियों से दुकानें बंद करने का आग्रह कर रहे थे। जो दुकानदार आग्रह नहीं मान रहे से उनसे दबंगई दिखा कर जबरदस्ती भी दुकानें बंद कराई जा रही थीं। इस दौरान कई जगह दुकानें खोल कर बैठे दुकानदारों और आंदोलनकारियों के बीच मारपीट भी हुई। दोपहर बाद आंदोलनकारी गुटों के निष्क्रिय होते ही सारे बाजार खुल गए, ऑटो-टेंपो भी चलने लगे।  

भारत बंद के दौरान सीटू ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में टीम ने पुरानी छावनी से मोतीझील, बहोड़ापुर, हनुमान चौराहे, जनकगंज बाड़ा, सराफा होकर माकपा कार्यालय तक और वहां से फूलबाग तक ट्रैक्टर रैली निकाली है।

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