ग्वालियर,18 सितंबर। मध्यप्रदेश में ग्वालियर के आपागंज की शीतला कॉलोनी में वर्षों से सजती आ रही गणेशोत्व झांकी इस बार चर्चित हो गई है। गजानन गणेश की झांकी प्रदेश भर में चर्चित इसलिए हो गई है, क्योकिं यहां गौरीपुत्र गणेश राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(RSS) के गणवेश में सज्ज दिखाए गए हैं।
गणपति को संघ का स्वयंसेवक बना दिखाए जाने पर राजनीतिक चटखारे लिए जा रहे हैं। आयोजनकर्ता बलराम सिंह के अनुसार इसमें कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं देखा जाना चाहिए, हर बार कुछ अलग करने का प्रयास किया जाता है। इस बार गणपति की यह मुद्रा प्रासंगिक लगी। प्रतिमा तो भक्त के भाव से प्रेरित होती है, इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
पधारे देशभक्त गजानन, वाहन समेत संघ गणवेश में भारत-माता के भगवा ध्वज को प्रणाम
ग्वालियर के लश्कर क्षेत्र की शीतला कॉलोनी में सजाए गए गणेशोत्व पंडाल में प्रतिष्ठि गणेश मूर्ति को इस बार संघ के गणवेश में सजाया गया है। उनके वाहन मूषक को भी संघ का स्वयंसेवक बनाया गया है। गणपति और उनका वाहन संघ की ध्वज प्रणाम की पारंपरिक मुद्रा में हैं। गणेश जी की मूर्ति के पीछे शेर पर सवार भारत माता का बड़ा सा पोस्टर लगाया है। गणनायक के अनूठे स्वरूप के दर्शनों के लिए इस पंडाल दर्शनार्थियों की भीड़ जुट रही है।
कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया पर आयोजनकर्ता बोले–हमारा भक्ति भाव, कोई राजनीति नहीं
गजानन व उनके वाहन को संघ स्वयंसेवक क तौर पर प्रतिष्ठित किए जाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन आयोजनकर्ता बलराम सिंह इसे राजनीति से जोड़े जाने से सहमत नहीं हैं। उनके अनुसार आराध्य का स्वरूप भक्त की भावना से जुड़ा होता है। हमारे आयोजन में में हर बार गणपति के अलग स्वरूप की कल्पना की जाती है। हम इस रूप में भगवान को देखना चाहते थे और कोई विशेष मकसद नहीं है। इस बार संघ के स्वयंसेवक के रूप में कर दी, इसमें किसी को आपत्ति नहीं होना चाहिए।