नई दिल्ली, 05 जुलाई। छह बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज और ‘सुपरमॉम’ के तौर पर विख्यात एमसी मैरीकॉम और पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक होंगे। आईओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने जानकारी दी है कि सोमवार दोपहर टोक्यो ओलंपिक के 23 जुलाई को प्रस्तावित उद्घाटन समारोह में इन दोनों के ध्व्जवाहक होने की घोषणा की गई है। ज्ञातव्य है आठ अगस्त को खेलों के समापन समारोह में पहलवान बजरंग पूनिया को भारतीय दल का ध्वजवाहक चुना गया है।

नया इतिहास रच सकती हैं ‘सुपरमॉम’ मैरीकॉम

ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने वाली पहली महिला मुक्केबाज मैरीकॉम इस बार दूसरा पदक दिलाकर नया इतिहास रच सकती हैं। मैरीकॉम एशियाई खेलों में दो स्वर्ण दिला चुकीं हैं, राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन हैं और एशियाई चैंपियनशिप में पांच स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। विगत एशियाई चैंपियनशिप के फाइनल में भी पहुंची चुकी हैं। तीन बच्चों की मां 38 साल की मुक्केबाज मैरीकॉम का यह अंतिम ओलंपिक माना जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि अपनी श्रेणी में सव्रणपदक जीतेन में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी।

तीन बच्चों की मां ने 36 साल में जीते 7 अंतर्राष्ट्रीय पदक, इसलिए सुपर मॉम 

मैरी कॉम इकलौती महिला मुक्केबाज है जिन्होंने 36 साल में विश्व चैम्पियनशिप में सात पदक जीते हैं। एमसी मेरीकॉम (Mangte Chungneijang Mary Kom) के पिता खेती कर घर का गुजारा करते थे। घर में सबसे बड़ी बहन होने के बावजूद भी वह काफी शैतान थी और लड़कों के साथ खेलती थी। खेलते समय कई बार झगड़ा होता तो वह लड़कों से लड़ाई भी करती थी। मणिपुर के बॉक्सिंग कोच एम. नरजित से वर्ष 2000 में ट्रेनिंग की शुरुआत की।  शादी और बच्चों के बाद महिला खिलाड़ियों का कैरिअर समाप्त मान लिया जाता है, लेकिन मैरीकॉम ने बॉक्सिंग छोड़ी नहीं। ससुराल ने उनका पूरा साथ दिया।

मैरीकॉम की शादी 2005 ओनलर कॉम से हुई उसके बाद 2007 में उनके जुड़वां बच्चे हुए। बच्चे होने के बाद भी उनका खेल के प्रति प्रेम कम नही हुआ था, इसके एक साल बाद ही 2008 में उन्होंने मैग्नीफिशेंट मैरीकॉम की उपाधि से नवाजा गया। आज वह तीन बच्चों की मां हैं, खेल के लिए विदेश जाने के कारण वह बच्चों को अधिक समय नही दे पाती हैं, लेकिन जब भी घर आती है तो बच्चों को पूरा प्यार देती हैं।  शादी के बाद ही 2005 में रूस में आयोजित हुए विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल लाकर उन्होंने खुद को सुपर-मॉम साबित कर दिया।

मैरीकॉम ने 2003 में अर्जुन पुरस्कार, 2006 में पद्मश्री पुरस्कार, 2009 में राजीव गांधी खेल-रत्न, 2013 में तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मभूषण देकर सम्मानित किया गया। तीन बच्चों की मां ने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और पोलैंड में हुए ओपन बॉक्सिंग टूर्नामेंट में भी गोल्ड मेडल जीता था। ओलंपिक गेम्स 2012 में ब्रॉन्ज, बुल्गारिया में हुए Strandja मेमोरियल में सिल्वर मेडल, 2001 में हुए महिला वर्ल्ड चैंपियनशिप के पहले संस्करण में सिल्वर मेडल हासिल किया था। 

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