रायपुर, 07 अप्रेल। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए हमले के बाद लापता CRPF कमांडो की फोटो नक्सलियों ने बुधवार दोपहर सोशल मीडिया पर तस्वीर जारी की है। जवान को वापस लाने के लिए सुरक्षाबल कार्रवाइयों में जुटा हुआ है। सीआरपीएफ के सूत्रों के अनुसार नक्सलियों ने जवान को रिहा करने के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं। उनकी पहली शर्त यह है कि सरकार एक मध्यस्थ नियुक्त करे। नक्सलियों ने संदेश भेजा है कि जब तक सरकार मध्यस्थों के नामों का एलान नहीं करेगी, तब तक जवान को रिहा नहीं किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि कमांडो की बेटी नक्सलियों और सरकार से अपने पिता को रिहा कराने की गुहार लगा चुकी है। पत्रकार का दावा-फोन पर नक्सलियों ने बताया कमांडो को लगी है गोली, इलाज के बाद कर देंगे रिहा….

बीजापुर के एक पत्रकार ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में लापता CRPF कमांड़ो राकेश्वर सिंह की फोटो नक्सलियों ने सोशल मीडिया पर जारी करने से पहले उसे  दो बार फोन किया। नक्सलियों ने बताया है कि जवान को गोली लगी थी, उनका इलाज कराया जा रही है, दो दिन में रिहा कर दिया जाएगा। जल्द ही उनका वीडियों भी सोशल मीडिया पर जारी किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि बीजापुर में मुठभेड़ के बाद लापता कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की तलाश जारी है। पुलिस इस मामले में स्थानीय ग्रामीणों से पूछताछ कर रही है। सभी चैनल के माध्यम से जवान का पता लगाने की कोशिशें की जा रही हैं। इस बीच नक्सलियों ने पत्र जारी कर सरकार से बातचीत के लिए रजामंदी जाहिर की है।

CRPF कमांडो की रिहाई तभी जब जारी होंगे मध्यस्थों के नाम
नक्सली लगातार दावा कर रहे हैं कि राकेश्वर सिंह मन्हास उनके कब्जे में हैं। इससे पहले नक्सलियों ने वॉट्सऐप कॉल कर के भी मीडिया को बताया था कि जवान उनके पास है। एक दिन पहले भी नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर कहा था कि सरकार बातचीत के लिए मध्यस्थों के नाम बताए, इसके बाद वे जवान को सौंप देंगे। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कोरोना संक्रमण के रिव्यू के लिए कैबिनेट मीटिंग बुलाई है, इसी दौरान नक्सलियों से बातचीत के लिए मध्यस्थों के नाम पर भी चर्चा की जा सकती है।

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