झांसी, 20 फरवरी। उत्तर प्रदेश में झांसी के बुंदेलखंड डिग्री कॉलेज में शुक्रवार दोपहर क्लासरूम में घुसकर एक सहपाठी को और दूसरी को उसके घर में घुस कर गोली मारने वाले मंथन ने वारदात से पहले ब्लैक-बोर्ड पर लिखा था-मंथन फिनिश। क्लासरूम में धमाका कर वह भाग गया। इसके बाद वह कॉलेज से कुछ ही दूरी पर स्थित मिशन कंपाउंड के एक घर में पहुंचकर बाहर बैठी एक दूसरी सहपाठी को भी गोली मार दी। दोनों विद्यार्थियों की इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दम तोड़ दिया। एक-एक कर दो सहपाठियों को मारी गोली, खुद को फिनिश करने से पहले पकड़ा गया….

उत्तरप्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार दोपहर बुंदेलखंड महाविद्यालय के एक छात्र ने दुस्साहसिक तरीके से क्लास रूम में पढ़ रहे सहपाठी हुकुमेंद्र सिंह गुर्जर को गोली मार दी। इसके बाद उसने सीपरी थाना क्षेत्र स्थित गोंदू कंपाउंड चाणक्यपुरी कॉलोनी पहुंचकर कॉलेज की ही एक सहपाठी कृतिका की गोली मारकर हत्या कर दी। कृतिका और हुकुमेंद्र की हत्या के बाद आरोपी मंथन खुद को भी गोली मारकर खत्म करना चाहता था। पुलिस फिलहाल मंथन से पूछताछ कर रही है, अभी हत्याओं की वजह सामने नहीं आई है।

योजना बनाकर घुसा था कक्षा में, आते ही ब्लैकबोर्ड पर लिखा मंथन फिनिश

क्लासरूम में वो इसका पूरा प्लान तैयार कर दाखिल हुआ था। यही वजह थी कि घटना से पहले उसने ब्लैक बोर्ड पर ‘मंथन फिनिश’ भी लिखा था। हालांकि खुद को मारने के लिए उसने जैसे ही पिस्टल लोड करने की कोशिश की, भीड़ ने उसे पकड़ लिया था। मंथन सेंगर क्लासरूम में कम ही आया करता था।  वह NCC का अनुशासित कैडेट था। शुक्रवार को कक्षा में महज छह ही विद्यार्थी थे। आगे की पंक्ति खाली थी, और मंथन अक्सर यहीं बठता था। इसके बावजूद वह मथुरा के  हुकुमेंद्र गुर्जर के पीछे दूसरी पंक्ति में बैठ गया। पीरियड पूरा होने के बाद शिक्षिका के बाहर जाने के बाद उसने ब्लैक बोर्ड पर ‘मंथन फिनिश’ लिखा और फिर से पीछे आकर बैठ गया। किसी ने भी ब्लैक बोर्ड पर मंथन के लिखे पर गौर नहीं किया। हुकुमेंद्र के पीछे बैठते ही उसने जैकेट के भीतर छुपाई पिस्टल निकाली और फायर झोंक दिया। हुकुमेंद्र कक्षा की टेबल पर ही धराशायी हो गया। धमाके से हुई अफरातफरी में कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही  मंथन पिस्टल हाथ में लेकर महाविद्यालय परिसर से बाहर निकल गया। मंथन शार्टकट रास्ते से कृतिका के घर पहुंचा। कृतिका घर के बाहर दादी के कुर्सी पर बैठी थी। मंथन ने अचानक पहुंचकर कृतिका को गले में सटाकर गोली मार दी और गली में आगे की ओर भाग गया। यहां वह रास्ता भटकर कर फिर पीछे लौटा, कृतिका के पिता सुजीत ने उसे पकड़ लिया। मंथन ने खुद को गोली मारने की नीयत से एक बार फिर पिस्टल लोड करने की कोशिश की, उसके पास दो कारतूस थे, लेकिन  सुजीत के पड़ोसी और रिटायर्ड ऑडिटर शिवनारायण मिश्रा ने उसका हाथ पकड़ लिया।

मंथन बोला–मैं पागल हो रहा हूं, शिक्षका ने कहा था कक्षा के बाद आना, काउंसिलिंग दूंगी  

वारदात वाले दिन एक कक्षा पहले मंथन सेंगर ने शिक्षिका से कहा था–मैं पागल हो रहा हूं, मुझे काउंसलिंग चाहिए। शिक्षिका ने कहा कि पीरियड के बाद मुझसे मिलना। इस दरम्यान शिक्षिका ने अहं को शांत करने के विषय पर अपना व्याख्यान भी दिया, जिसे मंथन ने सुना भी, लेकिन उस पर इसका कोई असर नहीं हुआ। ज्ञातव्य है कि मंथन व मारे गए सहपाठी MA मनेविज्ञान के विद्यार्थी थे। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *