मध्यप्रदेश उपचुनावः मतदाता ने 2019 की गलती सुधारी पूर्ण बहुमत की पार्टी को सौंपा विकास का जिम्मा

19 में 13 बागियों की जीत से सांसद सिंधिया का बढ़ा रसूख  

भोपाल, 11 नवंबर। मध्यप्रदेश में मतदाता ने 2019 में हुई गलती को सुधार लिया है। उस वक्त भाजपा अधिक वोट शेयर के बावजूद चंबल और नोटा मतों के कारण सत्ता से दूर रह गई थी। कांग्रेस के पास इतना बहुमत नहीं था कि नीतिगत निर्णय ले सके। उनके पास विकास का जज्बा दिखाने का जो मौका था वह 15 महीने के स्थानांतरण सिलसिले में गंवा दिया। उपचुनाव में भाजपा के 19 सीटें मिलीं हैं, और अब पार्टी पर 126 विधायक है जबकि कांग्रेस 96 विधायकों पर सिमट गई है। राजनीति के जानकारों का अनुमान है कि सिंधिया के साथ सरकार बनाने के फार्मूले के सफल होने से इसका राजस्थान में नए सिरे से प्रयोग किया जा सकता है।  

मध्यप्रदेश में एक बार फिर सत्ता पूर्ण बहुमत की सरकार के हाथ में है। उपचुनाव में 28 में से 19 सीटें जीतकर भाजपा 107 से 126 सीटों पर पहुंच गई है।  उपचुनाव के जनादेश से साफ संदेश आया है कि जनता विकास चाहती है, औऱ इसके लिए शिवराज सिंह को भरोसे के साथ चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है।

सड़क पर आने की चुनौती पा कर कांग्रेस को मध्यप्रदेश में सड़क पर लाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को 19 में से 13 लोगों को जिताने का श्रेय मिला है। मुन्नालाल गोयल, मंत्री इमरती देवी व गिर्राज दंडोतिया और जसमंत जाटव, रणवीर जाटव व रघुराज कंसाना हार गए। चंबल के एक और दिग्गज मंत्री एंदल सिंह कंसाना भी सुमावली के मैदान में खेत रहे हैं। हालांकि एंदल सिंह कंसाना दिग्विजय समर्थक माने जाते रहे थे, लेकिन तख्ता पलट होते ही खेमा बदल कर सिंधिया के साथ आ गए थे, जबकि संयोग से कांग्रेस को प्रदेश भर में मात्र ग्वालियर-चंबल में जीत मिली। यहां 16 में से सात पर कांग्रेस को जीत मिली। बाकी जगहों पर शिवराज-ज्योति एक्सप्रेस का असर दिखाई दिया।

कमलनाथ के ‘आइटम’ की सहानुभूति भी इमरती को नहीं दिला सकी जीत

सिंधिया के समर्थन में बगावत का परचम थामने के साथ ही इमरती देवी के बोल चर्चा में आने लगे थे। कमलनाथ के आइटम कहने के बाद चुनाव अभियान इमरती देवी के इर्द-ग़िर्द घूमा और वह राष्ट्रीय चेहरा बन गईं। इमरती देवी 2019 में 57,446 मतों से सुरेश राजे को हरा चुकी थीं। सारे क़यास इमरती को जीत दिला रहे थे, लेकिन वह 7,633 मतों से हार गईं, जो सबसे आश्चर्यजनक परिणाम रहा।

सबसे कम मतांतर से विजय भी अंचल के नाम

भांडेर से भाजपा प्रत्याशी रक्षा सिरोनिया को कांग्रेस के फूल सिंह बरैया पर जीत तो मिली, लेकिन जीत का अंतर मात्र 161 रहा। रक्षा को 57,043 मत मिले जबकि बरैया को 56,882। हालांकि बरैया की सवर्णों के विरुद्ध हेट-स्पीच का असर भी रहा, लेकिन रक्षा के पूर्व कार्यकाल के दौरान उनके पति संतराम के असामान्य व्यवहार के प्रति नाराजगी भी रक्षा की राह रोक रही थी। हालांकि प्रदेश की सबसे बड़ी जीत 63,809 भी भाजपा के प्रभुराम चौधरी को सांची में मिली।

बागियों का लेखा-जोखा, सिंधिया का रहेगा प्रदेश सरकार में असर

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब कांग्रेस से बगावत की तो 19 विधायक उनके साथ आये थे, जबकि एंदल सिंह कंसाना, बिसाहू लाल और हरदीप डंग भाजपा संगठन ने तोड़े। कांग्रेस के 19 बागियों में से 13 जीते, जबकि भाजपा संगठन के तोड़े गए और शिवराज के समर्थक नौ प्रत्याशियों में से 6 जीते। ज़ाहिर है कि सिंधिया के 13 विधायकों के बगैर भाजपा को नीतिगत मामलों मे विपक्ष के हाथों परेशानी झेलनी पड़ सकती है, इसलिये सिंधिया का प्रदेश सरकार पर असर ग़लिब रहेगा, जो अगले मंत्रिमंडल पर भी असर डालेगा, साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में भी सिंधिया की उम्मीदें और बेहतर हो गई हैं।

gudakesh.tomar@gmail.com

Recent Posts

India’s Deposit Growth Leads Credit Growth After 30 Months of Reversal

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,09 Nov'24 For the first time in two and a half…

2 weeks ago

Indian Market Sees Record $10 Billion Outflow in October

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,27 Oct'24 October has marked a record- breaking month for foreign…

4 weeks ago

India’s Growth Steady at 7%, Outpacing Global Peers, IMF

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23'Oct'24 The International Monetary Fund (IMF) has reaffirmed its positive outlook…

1 month ago

GST Reduction Likely to Make Health & Life Insurance Cheaper

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23 Oct'24 A reduction in Goods and Services Tax (GST) could…

1 month ago

साबुन के नाम पर फैक्ट्री में बन रहा नशीला ड्रग, किराये पर देने वाला गिरफ्तार

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप औद्योगिक क्षेत्र के बंद फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स…

2 months ago