उत्तरप्रदेश को दंगों की आग में झोंकने की थी साजिश, PFI को मिले 100 करोड़

लखनऊ, 07 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के मांट टोल प्लाजा पर कार में पकड़े गए चार संदिग्धों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उत्तरप्रदेश को दंगों की आग में झोंकने 100 करोड़ रुपए का बजट PFI को उपलब्ध कराया गया है। इसमें 50 करोड़ मॉरीशस से ट्रांसफर हुआ है। पकड़े गए युवक हाथरस में कवरेज के बहाने माहौल बिगाड़ने जा रहे थे। इनका संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) जैसे संगठनों से है। न्यायालय ने चारों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

पुलिस ने एक कथित पत्रकार और तीन अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया है। ज्ञातव्य है कि PFI पर ही शाहीन बाग में CAA के विरुद्ध आंदोलन और दिल्ली दंगों की साजिश का आरोप है। दिल्ली से हाथरस जा रहे चारों आरोपी  कार्यकर्ता मंगलवार रात मथुरा में पकड़े गए थे। इनके पास 6 स्मार्टफोन, एक लैपटॉप, ‘जस्टिस फॉर हाथरस विक्टिम’ और Am I not India’s daughter, made with Carrd लिखे हुए पम्पलेट मिले थे।

अंतरराष्ट्रीय फंडिंग से भारत विरोधी दुष्प्रचार

शुरुआती जांच में सामने आया है कि दंगे फैलाने और फिर बचकर भागने के टिप्स बताने वाली वेबसाइट justice for hathras से भी चारों आरोपियों का कनेक्शन है। यह भी पता चला है कि कुछ लोग carrd.co वेबसाइट के जरिए फंड जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। विदेशों से मिलने वाली फंडिंग का इस्तेमाल दंगे भड़काने में किया जाता है।

carrd.co और justice for hathras से जुड़े संगठन और कार्यकर्ता भीड़ जमा करने, अफवाह फैलाने, चंदा जुटाने और पीड़ितों को न्याय दिलाने की आड़ में देश विरोधी काम करते हैं। इनके जरिए भारत के विरुद्ध अंतरराष्ट्री स्तर पर दुष्प्रचार किया जा रहा है। इसमें मॉब लिंचिंग की घटना, हाल में मजदूरों के पलायन और कश्मीर को लेकर दुष्प्रचार शामिल है।

वेबसाइट्स से जातीय वैमनष्य बढ़ाने और दलितों को भड़काने की साजिश

carrd.co और justice for hathras  वेबसाइट्स का मकसद जातिगत दुश्मनी को बढ़ावा देना और समाज में अस्थिरता पैदा कर दंगे फैलाना है। इनके जरिए बताया जाता है कि दंगों के दौरान पहचान कैसे छिपाएं और माहौल कैसे बिगाड़ें। पुलिस अब जांच करेगी कि ये प्लेटफॉर्म किसने और किस मकसद से बनाए। अब तक इन वेबसाइट्स से कितना पैसा जुटाया गया। जो फंड जुटाया उसे कहां इस्तेमाल किया और किस-किस के खाते में पैसे भेजे गए। अवैध फंडिंग को लेकर ईडी भी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से शुरुआती जांच कर रहा है। जल्द केस भी दर्ज कर सकता है

gudakesh.tomar@gmail.com

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