ख़बरे

आतंकियों-नक्सलियों और डकैतों पर भारी मध्यप्रदेश पुलिस! नाक के नीचे चल रही थी ड्रग्स की फैक्ट्री, गुजरात पुलिस को थी ख़बर

संयुक्त कार्रवाई में 1814 करोड़ का MD ज़ब्त, तीन आरोपी गिरफ्तार, देश भर में नशे का हो रहा था इंतजाम

भोपाल मध्यप्रदेश की राजधानी में 1814 करोड़ का मेफेड्रोन (MD) और उसे तैयार करने वाला सामान बरामद किया गया है। गुजरात एटीएस और नई दिल्ली के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने भोपाल के बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र स्थित बंद फैक्ट्री में बन रहे ड्रग्स के इस कारोबार के विरुद्ध कार्रवाई की है। जहां ये जहर बनाया जा रहा था उसे छह माह पूर्व ही किराए पर दिया गया था।

ड्रग्स का ज़खीरा ज़ब्त करने के बाद महाराष्ट्र के नासिक निवासी सान्याल बाने,  भोपाल निवासी अमित चतुर्वेदी और मंदसौर के हरीश आंजना को गिरफ्तार कल लिया गया है। सान्याल पांच साल की सजा काटकर कुछ समय पहले ही जेल से रिहा हुआ था।

गुजरात पुलिस की एटीएस इकाई के डीएसपी एसएल चौधरी ने बताया कि कुछ समय पहले ही इस अपराध की सूचना मिली थी। सूत्रों से मिली टिप के अनुसार सान्याल और अमित भोपाल में एमडी बना रहा है। हमारी टीम ने एनसीबी दिल्ली की टीम के साथ कार्रवाई की तो वहां बड़ी मात्रा में ड्रग्स और इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाला सामान मिला। इसे ज़ब्त कर लिया गया है। भोपाल की इस फैक्ट्री से पांच हजार किलो कच्चा माल, ग्राइंडर, मोटर, ग्लास, फ्लास्क, हीटर और अन्य उपकरण पाए गए।गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने बताया कि यह ऑपरेशन भोपाल पुलिस के सक्रिय सहयोग से ही पूरा हो सका, इसके लिए मध्यप्रदेश पुलिस धन्यवाद की पात्र है।

ज़ब्त हुआ 840 लीटर लिक्विड मेफेड्रोन, जिसका बाजार मूल्य लगभग 1,260 करोड़ रुपए

जांच टीम ने बताया कि एक किलोग्राम एमडी (हार्डफॉर्म में) का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मूल्य पां करोड़ रुपए है। भोपाल फैक्ट्री से ऐसा तैयार ड्रग्स कुल 60 किलो पकड़ा गया है, दिल्ली एनसीबी ने इसका मूल्य 300 करोड़ आंका है। इसके साथ ही लिक्विड मेफेड्रोन, जिसकी बाजार कीमत 1.5 करोड़ रुपए प्रति लीटर है, वह 840 लीटर मिला, इसका बाजार मूल्य 1,260 करोड़ आंका गया है। एमडी तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले एसीट्रोन, सॉल्वेंट और ब्रोमीन जैसे रॉ मटेरियल लगभग 4000 लीटर बरामद हुए, जिनका बाजार मूल्यलगभग 300 करोड़ आंका गया है। इस तरह ड्रग्स का कुल बाजार मूल्य 1,814 करोड़ रुपए आंका गया है।

बना रहे थे प्रतिदिन 25 से 30 किलो एमडी

पुलिस के अनुसार, अमित और की इस फैक्टरी में बिना फेस मास्क के जाना संभव नहीं था। फैक्टरी की मशीनें और सिस्टम इतने आधुनिक और उच्च क्षमता वाले थे कि यहां प्रतिदिन 25-30 किलो एमडी का उत्पादन हो रहा था।

इंदौर-उज्जैन से आ रहा था ड्रग्स का सामान

आरोपी अमित चतुर्वेदी भोपाल के हुजूर का रहने वाला है। एमएससी पास आउट है। वह लंबे समय से केमिकल सप्लाई का काम कर रहा था। यही मटेरियल इंदौर-उज्जैन से लाता था।

                केमिकल की गंध से फैक्ट्री में टीम का घुटने लगा दम

फैक्ट्री में केमिकल्स की गंध से जांच टीम का दम घुटने लगा। इससे बचने के लिए केमिकल रेसिस्टेंट मास्क  मंगवाए गए तब कार्रवाई आगे बढ़ सकी।

ATS टीम ने बताया कैसे हुआ खुलासा

पुलिस टीम कैसे इस फैक्ट्री तक पहुंची, इसकी दिलचस्प कहानी खुद एटीएस के अधिकारियों ने बताई। उनका कहना है कि महाराष्ट्र के एक किलो एमडी ड्रग्स केस में 2022 में जमानत पर छूटे आरोपी सान्याल बाने पर छह महीनों से नजर रख रहे थे। उसका आना-जाना भोपाल-इंदौर और उज्जैन के ट्रैक हो रहा था। भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र में उसकी गतिविधियां बढ़ीं तो पुलिस टीम ने जांच शुरू की। तब पता चाल कि इलाके में एक फैक्ट्री है, जिसका वेंटिलेशन ग्राउंड लेवल से सटा हुआ है। सामान्यतः ऐसा केमिकल वाली फैक्ट्री में ही होता है। क्योंकि, अन्य फैक्ट्रियों में धुएं के निकास के लिए चिमनी या वेंटिलेशन छत पर होता है। इससे शक बढ़ा और गुजरात पुलिस की 17 सदस्यीय टीम एक महीने तक भोपाल में रुकी। इस दौरान अहमदाबाद एटीएस ऑफिस से सर्विलांस किया जा रहा था। इस तरह मध्यप्रदेश पुलिस, गुजरात एटीएस और नार्कोटिक्स का दिल्ली ब्यूरो, तीन मोर्चों पर छानबीन के बाद कर देश की सबसे बड़ी ड्रग्स प्रोसेसिंग फैक्ट्री पकड़ी गई।

भोपाल 7 महीने में 13 करोड़ का ड्रग्स पकड़ा गया

पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि ऑपरेशन अंकुश के तहत पिछले 7 महीने में भोपाल में ड्रग्स के 55 मामलों में कार्रवाई की गई। इसमें करीब 13 करोड़ का ड्रग्स बरामद हुआ। अब तक माना जाता था कि ड्रग्स मुंबई-दिल्ली जैसे महानगरों की चीज है, लेकिन धीरे-धीरे ये मध्यप्रदेश के इंदौर-भोपाल जैसे शहरों में भी यह पैर पसारने लगा है। इंदौर-भोपाल के बड़े कॉलेजों, क्लबों और कई संस्थानों में ड्रग्स को लेकर समय-समय पर आरोप लगते रहे हैं। 22 सितंबर 2024 को मैनिट के हॉस्टल नंबर 5 के कमरा नंबर 25 में छात्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। छात्र के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि मैनिट कैंपस में भी ड्रग्स तस्करी हो रही है।

भोपाल को बना रहे थे देश का ड्रग मैन्युफैक्चरिंग हब

मध्यप्रदेश की राजधानी में पकड़े गए 1,814 करोड़ रुपए के ड्रग्स प्रकरण में आरोपियों से पूछताछ में उजागर हुआ है कि आरोपी भोपाल को ही गढ़ बनाना चाहते थे। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ड्रग्स का स्टॉक तैयार कर महाराष्ट्र और राजस्थान में सप्लाई करने की योजना थी। कंसाइनमेंट का कुछ हिस्सा गुजरात में भी सप्लाई किया जाना था। भोपाल को आरोपी सुरक्षित और सभी जगह सप्लाई के लिए वैल-कनेक्टेड मान रहे थे।

gudakesh.tomar@gmail.com

Recent Posts

India’s Deposit Growth Leads Credit Growth After 30 Months of Reversal

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,09 Nov'24 For the first time in two and a half…

2 weeks ago

Indian Market Sees Record $10 Billion Outflow in October

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,27 Oct'24 October has marked a record- breaking month for foreign…

4 weeks ago

India’s Growth Steady at 7%, Outpacing Global Peers, IMF

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23'Oct'24 The International Monetary Fund (IMF) has reaffirmed its positive outlook…

4 weeks ago

GST Reduction Likely to Make Health & Life Insurance Cheaper

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23 Oct'24 A reduction in Goods and Services Tax (GST) could…

4 weeks ago

साबुन के नाम पर फैक्ट्री में बन रहा नशीला ड्रग, किराये पर देने वाला गिरफ्तार

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप औद्योगिक क्षेत्र के बंद फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स…

2 months ago

भारत विश्व गुरु के रूप में शिक्षक परंपरा को स्थापित करना चाहता है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षा भूषण अखिल भारतीय सम्मान समारोह को किया संबोधित भोपाल। मुख्यमंत्री…

2 months ago