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मालदीव की चीन से नहीं बैठी पटरी, वापस भारत की शरण में आ रहे मुइज्जू

माले :  मालदीव ने सोचा था चीन से दोस्ती करके भारत पर दबाव बना लेगा ये उसकी गलत फहमी निकली। अतत: मालदीव की सभी गलत फहमियां दूर हो गई और उसे वापस भारत की शरण में लौटना पड़ रहा है। ये इसलिए कहा जा रहा है कि खुद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने इंडिया आउट के किसी भी एजेंडे से इनकार करते हुए कहा कि उनके देश में विदेशी सेना की उपस्थिति द्वीपीय देश के लिए एक गंभीर समस्या थी। अब मुइज्जू अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में भारत की यात्रा करने वाले हैं। उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के रिश्तों में आई कड़वाहट को दूर करने की कोशिश के तौर देखा जा रहा है। वे 6-10 अक्टूबर के दौरान द्विपक्षीय यात्रा के लिए भारत में रहेंगे। नाम नहीं बताने की शर्त पर दोनों देशों के लोगों ने बताया कि पीएम मोदी के साथ उनकी बैठकें 7 अक्टूबर को होने की संभावना है। बता दें कि मुइज़ू पिछली बार 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए छह अन्य क्षेत्रीय देशों के नेताओं के साथ नई दिल्ली आए थे।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचे मुइज्जू ने गुरुवार को प्रिंसटन विश्वविद्यालय के कार्यक्रम ‘डीन्स लीडरशिप सीरीज’ में एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि हम किसी भी समय, किसी भी देश के खिलाफ कभी नहीं रहे। यह भारत को बाहर करना नहीं है। मालदीव के लोगों को अपने देश में विदेशी सेना की उपस्थिति से एक गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा था। मुइज्जू ने कहा कि मालदीव के लोग नहीं चाहते कि एक भी विदेशी सैनिक देश में रहे।भारत और मालदीव के बीच संबंध पिछले साल नवंबर से ही तनावपूर्ण हो गए थे, जब चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू ने मालदीव के राष्ट्रपति का पदभार संभाला था। मुइज्जू ने भारत से कहा था कि वह देश द्वारा उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन कर रहे लगभग 90 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुला ले। भारत ने 10 मई तक अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुला लिया और उनकी जगह डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टरों के संचालन के लिए असैन्य कर्मियों को तैनात कर दिया। मालदीव के राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अपमान करने के लिए उपमंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। खबर में उनके हवाले से कहा गया है, ‘‘किसी को भी ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। मैंने इसके खिलाफ कार्रवाई की है। मैं किसी का भी इस तरह अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा, चाहे वह नेता हो या कोई आम व्यक्ति। हर इंसान की अपनी प्रतिष्ठा होती है।

Gaurav

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