कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी साजिथ प्रेमदासा को हराकर जीत हासिल कर ली है। उनकी इस जीत से पूरी दुनिया चौंक गई है। 56 वर्षीय दिसानायके की जीत ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अब श्रीलंका किस दिशा में जाएगा। श्रीलंका को तंगहाली से निकालने के दो ही रास्ते हैं। एक भारत जाता है और दूसरा चीन। पिछले वर्षों में श्रीलंका चीन के आर्थिक जाल में फंसा था, जिससे देश गंभीर वित्तीय संकट में घिर गया। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या श्रीलंका चीन की छाया से बाहर निकलकर अपने पड़ोसी और सबसे बड़े मित्र भारत की मदद से खुद को मजबूत करेगा।
अब, श्रीलंका की नई नेतृत्व की भूमिका यह तय करेगी कि देश किस प्रकार चीन के प्रभाव से बाहर निकलकर अपने आर्थिक और रणनीतिक हितों को पुनर्निर्धारित करता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अनुरा कुमारा दिसानायके को चुनावी जीत पर बधाई दी और भारत-श्रीलंका के बीच सहयोग को और मजबूत करने की इच्छा जताई। पीएम मोदी ने अपनी एक्स पोस्ट में कहा कि श्रीलंका का भारत की पड़ोस प्रथम नीति और विजन सागर में विशेष स्थान है और वह दोनों देशों के बहुआयामी सहयोग को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं।दिसानायके ने पीएम मोदी के बधाई संदेश का उत्तर देते हुए भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने लिखा कि हम साथ मिलकर अपने लोगों और पूरे क्षेत्र के लाभ के लिए सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम कर सकते हैं निभाएगा।
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