वॉशिंगटन। भारतीय नागरिक अब उत्तरी बॉर्डर का रुख कर रहे हैं, जहां वे अमेरिका में प्रवेश के लिए जोखिम भरे रास्ते अपना रहे हैं। अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा और निगरानी के कारण, कई लोग उत्तरी बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं, जहां प्रवेश करना और भी मुश्किल होता है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (सीबीपी) के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिका-कनाडा सीमा पर भारतीय प्रवासियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। 2023 में सीबीपी ने 97,000 बार अवैध प्रवासियों को रोकने की रिपोर्ट दी, जो 2021 के 2,200 और 2022 के 30,000 मामलों से काफी अधिक है। उत्तरी सीमा पर एंट्री करने वाले भारतीयों की संख्या अब दक्षिणी सीमा से प्रवेश करने वालों से भी अधिक हो गई है। 2023 के पहले छह महीनों में उत्तरी सीमा पर 22,399 टकराव की सूचना मिली, जबकि दक्षिणी सीमा पर 11,053 मामले दर्ज किए गए। आव्रजन अध्ययन में विशेषज्ञ पवन ढींगरा के अनुसार, भारत से कई प्रवासी आर्थिक स्थिरता की तलाश में कनाडा से अमेरिका की यात्रा करते हैं। हालांकि, इस यात्रा की भारी कीमत चुकानी पड़ती है। कई प्रवासियों को तस्करों और बिचौलियों को हजारों अमेरिकी डॉलर का भुगतान करने के बावजूद अमेरिका में प्रवेश नहीं मिल पाता, और कुछ को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। विश्लेषकों का कहना है कि ये प्रवासी शरणार्थी नहीं हैं, बल्कि बेहतर जीवन की खोज में अमेरिका आना चाहते हैं। चिश्ती का कहना है कि भारत में बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है और शिक्षित लोगों के बीच नौकरी की कमी उन्हें जोखिम भरे रास्तों से अमेरिका की ओर बढ़ने को मजबूर कर रही है।
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