लुसाका। पिछले कुछ समय से अफ्रीका के अनेक देश सूखा और अकाल की स्थिति से जूझ रहे हैं। जिम्बॉब्वे में तो साल 1981 के बाद मौजूदा साल के फरवरी माह से ही सूखा की स्थिति बनी हुई है, जिसका असर बोत्सवाना और अंगोला के कुछ इलाकों में भी देखने को मिला है। जिम्बॉब्वे और जाम्बिया में साल के शुरु में बाढ़ आई थी, इसके बाद हैजा फैला और फिर सूखे की स्थिति बनी। अब हालात ऐसे हैं कि हाथियों को मार कर लोगों के भरण-पोषण का इंतजाम करने की बात की जा रही है।
अफ्रीका में सूखा और अकाल के संबंध में रिपोर्ट में बताया गया है कि जिम्बॉब्वे में तो 1981 के बाद इस कदर सूखा देखने को मिला है। मलावी और मोजाम्बीक के इतिहास में भी 03 सबसे सूखे महीनों में से यह एक है। जाम्बिया, मलावी, जिम्बॉब्वे, माली, बोत्सवाना, अंगोला, मोजाम्बीक जैसे अफ्रीकी देशों में पिछले 04 दशक का सबसे भयानक सूखा देखा जा रहा है। मौजूदा साल के फरवरी माह से सूखा पड़ना शुरु हुआ था जो अब तक जारी है। नदी और तालाब का जल सूख चुका है, अनाज और फसलों का बुरा हाल है। लोगों का जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बताया जा रहा है कि इन क्षेत्रों में वर्षा ही नहीं हुई है। बारिश नहीं होने की वजह अल नीनो के प्रभाव को बताया जा रहा है। यही कारण है कि लंबे समय से सूखा की स्थिति बनी हुई है।
लंबे सूखे का कारण अलनीनो
इस संबंध में वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रकार का सूखा 10 साल में एक बार आता है, लेकिन अल-नीनो के कारण इसके आने का समय और लंबे वक्त तक रहने की आशंका दोगुनी हो जाती है।
यूरोपियन देश भी कर चुके हैं सूखे का सामना
अल नीनो से होने वाले सूखे का सामना अफ्रीका से पहले यूरोपियन देशों ने किया था। जानकारी अनुसार ऐसे सूखे वाले मौसम का असर यूरोपियन देशों में भी पड़ा था। अल नीनो के कारण नीदरलैंड्स, स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम इस साल भयानक सूखे का सामना कर चुके हैं। इसे देखते हुए ही वैज्ञानिकों ने स्टडी करना शुरू किया, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि अल नीनो से किस महाद्वीप पर किस तरह का असर हुआ है या हो रहा है और आगे क्या हो सकता है।
पानी की कमी से बनी भयावह स्थिति
वैज्ञानिकों का कहना है कि अफ्रीकी देशों में अल नीनो के कारण बारिश नहीं हुई है। गर्मी ज्यादा पड़ रही है। सूखे की स्थिति लगातार बनी हुई है। फसलें हुईं ही नहीं। जो किसी तरह बच रहीं थीं वो भी खत्म हो चुकी हैं। नदियां सूख चुकी हैं, अन्य जल स्रोत भी प्राय: सूख चुके हैं। प्रभावित क्षेत्रों में पानी की कमी से भयावह स्थिति बनी हुई है। नदियां सूखीं, तालाब सूखे, पोखर सूखे फिर इंसान और जानवर कैसे न सूखते, वाली स्थिति निर्मित हो गई है। जमीनों में सूखे की स्थिति से दरारें पड़ गई हैं। इस प्रकार बेरहम मौसम के कारण अफ्रीका के कृषि क्षेत्र को भयानक हानि का सामना करना पड़ा है। बताया गया है कि अफ्रीकन हॉर्न और दक्षिणी अफ्रीकी देशों की हालत ज्यादा ही खराब चल रही है।
खाद्य सुरक्षा का खतरा
संपूर्ण महाद्वीप में खाद्य पदार्थों की सुरक्षा पर खतरा मंडराने लग गया है। अब सभी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। जिम्बॉब्वे में फरवरी माह में अचानक पड़े सूखे के कारण पूरे देश में फसल खराब हो चुकी है। महाद्वीप में दलहन की कमी बनी हुई है। इससे खाद्यान्न के दाम दोगुने हो चुके हैं। एक अनुमान के अनुसार वैसे तो इस साल फरवरी से सितंबर माह के बीच अफ्रीकी देशों ने सामान्य से ज्यादा अनाज आयात किया, लेकिन तब भी सूखे से जन-जीवन प्रभावित हुए बिना नहीं रह सका है। यहां बताते चलें कि दक्षिण अफ्रीका पहले अन्य अफ्रीकी देशों में खाद्यान्न सप्लाई करता था, लेकिन इस साल वहां भी हालत खराब हो गए है। हालात इस कदर खराब हो चले हैं कि संयुक्त राष्ट्र का वर्ल्ड फूड प्रोग्राम भी अफ्रीकी देशों की रक्षा नहीं कर पा रहा है। जानकारी अनुसार जिम्बॉब्वे और जाम्बिया में इस साल के शुरू में पहले तो बाढ़ आई थी, फिर हैजा फैल गया था। इसके बाद अब पानी की कमी और सूखे की स्थिति ने जीवन को नरक बना दिया है। अब हालात बद से बदतर हो चले हैं, इस कारण जिम्बॉब्वे में लोगों को खिलाने के लिए 200 हाथियों को मारने की तैयारी की जा रही है। यह अब तक के सूखा पड़ने की भयावह स्थिति है, जिससे बाहर निकलने के लिए आसमानी बारिश पर लोग डिपेंड हो चुके हैं।
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,24 Nov'24 Union Finance Minister Nirmala Sitharaman has underscored the importance…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,09 Nov'24 For the first time in two and a half…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,27 Oct'24 October has marked a record- breaking month for foreign…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23'Oct'24 The International Monetary Fund (IMF) has reaffirmed its positive outlook…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23 Oct'24 A reduction in Goods and Services Tax (GST) could…
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप औद्योगिक क्षेत्र के बंद फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स…