वाशिंगटन। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इंट्री अब अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में हो गई है। ये इसलिए कहा जा रहा है कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप सीना ठोककर कह रहे हैं कि पीएम मोदी मुझसे मिलने अमेरिका आ रहे हैं। ट्रंप ने मिशिगन के फ्लिंट में अपने चुनावी अभियान के एक कार्यक्रम में बैठक की घोषणा की है। इस बैठक में वह भारत के साथ अमेरिकी व्यापार संबंधों के बारे में बातचीत कर रहे थे। हालांकि यह मुलाकात कहां होगी इसकी जानकारी नहीं मिली है। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा का विस्तृत कार्यक्रम जारी किया था। इसके मुताबिक पीएम मोदी अमेरिका में क्वॉड बैठक में हिस्सा लेने के साथ-साथ कई दूसरे कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री ट्रंप से भी मुलाकात कर सकते हैं।
ट्रंप के राष्ट्रपति रहते 2017 से 2021 के दौरान पीएम मोदी और ट्रंप में एक मजबूत साझेदारी नजर आई थी। इस दौरान ह्यूस्टन में हाउडी मोदी और भारत में नमस्ते ट्रंप जैसे कार्यक्रम भी आयोजित हुए थे जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था। पीएम नरेंद्र मोदी विलमिंगटन, डेलावेयर में चौथे क्वाड लीडर्स समिट में हिस्सा लेंगे जिसकी मेजबानी 21 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि क्वाड समिट में नेता पिछले एक साल में क्वाड द्वारा हासिल की गई प्रगति की समीक्षा करेंगे और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों को उनके लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करने के लिए आने वाले साल के लिए एजेंडा तय करेंगे। वहीं 22 सितंबर को पीएम मोदी न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय की एक सभा को भी संबोधित करेंगे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि वह एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर और जैव प्रौद्योगिकी के अत्याधुनिक क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अग्रणी अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के साथ भी बातचीत करेंगे। इसके अलावा मोदी 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। शिखर सम्मेलन का विषय बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान है। शिखर सम्मेलन में बड़ी संख्या में वैश्विक नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है। इस दौरान मोदी कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। ट्रंप और पीएम मोदी के रिश्ते ने अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी। दोनों नेताओं ने खास तौर से रक्षा और रणनीतिक मामलों में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने पर ध्यान केंद्रित किया था। व्यापार संबंधी विवादों के बावजूद उनकी साझेदारी मजबूत रही, जिसने क्वाड जैसी पहल के माध्यम से सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा दिया।
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