भोपाल : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयन्ती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए स्वच्छ भारत दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसकी शुरुआत से ही “स्वच्छता ही सेवा” पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इस वर्ष स्वच्छ भारत मिशन की दसवीं वर्षगाँठ का सम्मान करने के लिए स्वच्छता ही सेवा अभियान 17 सितम्बर से 1 अक्टूबर तक “स्वभाव स्वच्छता संस्कार स्वच्छता ” की थीम के साथ 2 अक्टूबर को “स्वच्छ भारत दिवस” समारोह मनाया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि विगत 10 वर्षो में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में राज्य को कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहवान पर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का पहला चरण 2 अक्टूबर 2014 को प्रारंभ हुआ और 2 अक्टूबर 2019 तक सरकार और जनता की सक्रिय भागीदारी से सभी ग्रामों को खुले मे शौच से मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया। इस अवधि में राज्य में 70 लाख से अधिक घरों में नए शौचालय बने, सभी ने शौचालय का नियमित उपयोग प्रारंभ किया जिससे सभी 51 हजार ग्राम तय समय से पहले खुले में शौच मुक्त घोषित हुए।
लोगों को इस अभियान से जोड़ने और जागरूक करने के लिए व्यापक सामाजिक व्यवहार परिवर्तन की मुहिम चलाई गई, जिससे समाज के सभी वर्ग इस जन आंदोलन का हिस्सा बने। लोगों के स्वच्छता व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन के लिए 50 हजार से अधिक स्थानीय स्वच्छग्राहियों ने प्रेरक की महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
वर्ष 2020 से स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा चरण प्रारंभ हुआ, जिसमे 2024 तक सभी ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त बनाए रखते हुए ठोस और तरल अपशिष्ट के प्रबंधन द्वारा मोडल श्रेणी में ओडीएफ प्लस बनाने का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए अब तक 8 लाख से अधिक नए शौचालय बने, 16 हजार से अधिक सामुदायिक स्वच्छता परिसर बनाए गए, 44 हजार से अधिक ग्रामों मे ठोस कचरे को प्रबंधित करने की सुविधाएं और 48 हजार से अधिक ग्रामों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन की संपत्तियों को निर्मित करके राज्य के 41 हजार से अधिक ग्रामों को ODF प्लस मॉडल बनाया गया है।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ग्रामों में 20 हजार से अधिक सेग्रगैशन शेड और 32 हजार से अधिक कचरा वाहन उपलब्ध कराये गये तथा 25 हजार से अधिक स्वच्छता मित्र इस कार्य में लगे हुए हैं और कार्यों के प्रबंधन हेतु 900 स्व-सहायता समूहों को संलग्न किया गया, जिससे उनकी आजीविका में वृद्धि हुई है।
अब ग्रामों में भी मल कीचड़ प्रबंधन की सुविधाओं के लिए FSTP (फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट) और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए MRF (मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर बनाए जा रहे है और इसके लिए शहरी निकायों के साथ भी समन्वय किया गया है।
पशुओं के गोबर से गोबर खाद और बायो गैस बनाकर समुदाय को लाभ पहुंचने के लिए गोबर्धन योजना से 100 से अधिक इकाइयां बनी। ओडीएफ प्लस मॉडल ग्रामों को बनाने की दिशा में प्रदेश अग्रसर है और समय पर अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए सतत प्रयासरत है।
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,09 Nov'24 For the first time in two and a half…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,27 Oct'24 October has marked a record- breaking month for foreign…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23'Oct'24 The International Monetary Fund (IMF) has reaffirmed its positive outlook…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23 Oct'24 A reduction in Goods and Services Tax (GST) could…
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप औद्योगिक क्षेत्र के बंद फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स…
संयुक्त कार्रवाई में 1814 करोड़ का MD ज़ब्त, तीन आरोपी गिरफ्तार, देश भर में नशे…