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मणिपुर हिंसा की आंच राजभवन तक पहुंची, ड्रोन हमलों के खिलाफ छात्रों ने किया प्रदर्शन, पथराव, 20 घायल

-सुरक्षाकर्मियों को जान बचाने भागना पड़ा

इंफाल। मणिपुर में जारी हिंसा की आंच अब राजभवन तक पहुंच गई है। राजधानी इंफाल में सोमवार को सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने राजभवन पर पत्थरबाजी कर दी। ऐसे में सुरक्षाकर्मियों को जान बचाने यहां-वहां भागना पड़ा है। पुलिस और सुरक्षाबलों ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को बैरिकेड लगाकर रोकने की कोशिश की। वहीं कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया। इस कार्रवाई में करीब 20 छात्र घायल हो गए।

गौरतलब है कि मैतेई समुदाय से आने वाले छात्र मणिपुर में अचानक बढ़ी हिंसक घटनाओं के खिलाफ 8 सितंबर से ही प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में उनका साथ स्थानीय लोगों ने भी दिया है। किशमपट के टिडिम रोड पर रविवार को करीब 3 किमी तक मार्च के बाद प्रदर्शनकारी छात्र राजभवन और मुख्यमंत्री निवास तक पहुंच गए थे। प्रदर्शनकारी राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपना चाह रहे थे। छात्रों की ज्ञापन सौंपने वाली मांग को सोमवार के दिन सुरक्षाबलों ने पूरी कर दी, लेकिन छात्र सड़क पर प्रदर्शन करते रहे। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाती तब तक वे यहीं डटे रहेंगे। इसी दौरान छात्रों की सुरक्षाबलों से झड़प भी हो गई। बैरिकेड लगाकर सुरक्षाबलों ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों को रोकने की कोशिश की। मामला बढ़ता देख सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे और रबर बुलेट का इस्तेमाल करते हुए छात्रों को तितर-बितर करने की कोशिश। ऐसे में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी की। सुरक्षाबलों की कार्रवाई में 20 छात्र घायल हुए हैं।

ड्रोन हमलों का कर रहे विरोध

प्रदर्शन कर रहे छात्र असल में ड्रोन हमलों का विरोध कर रहे थे। बतला दें कि 1 और 3 अगस्त को मैतेई इलाकों में ड्रोन हमले हुए थे। उन्होंने सेंट्रल फोर्सेस पर चुप्पी साधने का आरोप भी लगाया है और उनसे राज्य छोड़ जाने की मांग भी की है। छात्रों ने राज्य के 60 में से 50 मैतेई विधायकों से अपना रुख स्पष्ट करने या इस्तीफा देने जैसी बात भी कही है। इन छात्रों की मांग है कि राज्य में यूनिफाइड कमांड की कमान मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को दी जानी चाहिए। इस आधार पर केंद्रीय और स्टेट फोर्स की कमान केंद्र की बजाय मुख्यमंत्री के पास होनी चाहिए। छात्र डीजीपी और सिक्योरिटी एडवाइजर को हटाने की भी मांग कर चुके हैं।

कुकी-मैतेई के बीच हिंसा जारी

मणिपुर में पिछले 7 दिनों में हिंसा बढ़ गई है। इस दौरान 8 लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यहां बताते चलें कि मणिपुर में मई 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा का दौर जारी है। हाल ही में मणिपुर में ड्रोन और रॉकेट का इस्तेमाल हमलों के लिए किया गया, जिससे स्थिति बिगड़ गई है।

Gaurav

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