दुबई। हमास से जंग लड़ रहे इजराइल ने अब ऐसी हरकत कर दी है जिसे लेकर सऊदी अरब भड़क गया है। फिलिस्तीन और इजरायल के बीच विवाद का केंद्र मस्जिद अल-अक्सा में इजराइली के मंत्री और सैकड़ों इजरायलियों के साथ मस्जिद परिसर में घुस गए। इसे लेकर सऊदी अरब इजरायल पर भड़क गया है और अमेरिका ने भी इसे इजराइल का गलत कदम बताया है और कहा कि यह अस्वीकार्य है।
यहूदी शोक दिवस मना रहे थे और इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी नेता और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के मंत्री इत्तेमार बेन गिविर ने शोक दिवस मनाने के लिए मस्जिद परिसर में प्रवेश किया। यहूदियों के प्राचीन मंदिर पर 70 ईसा पूर्व में रोमनों ने हमला कर उसे तोड़ दिया था जिसकी याद में शोक दिवस मनाया जाता है। सऊदी अरब ने इजरायली मंत्री के अल-अक्सा मस्जिद में प्रवेश करने को हमला बताया है और इसकी कड़ी निंदा की है। सऊदी अरब ने कहा है कि यरूशलेम की इस ऐतिहासिक मस्जिद की यथास्थिति का सम्मान किया जाना चाहिए।
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि इजरायली कब्जे वाले अधिकारियों और वहां जाने वालों का अल-अक्सा मस्जिद पर खुलेआम और लगातार हमले की कड़ी शब्दों में निंदा करता है। बयान में धार्मिक पवित्रता का सम्मान करने पर जोर दिया गया है साथ ही सऊदी अरब ने चेतावनी दी कि अंतरराष्ट्रीय कानून और यरूशलेम की ऐतिहासिक यथास्थिति का उल्लंघन और दुनिया भर के करोड़ों मुसलमानों को उकसाने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। सऊदी विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आह्वान किया कि इजरायल की तरफ से लगातार हो रहे इन उल्लंघनों को रोकने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाए नहीं तो इसके परिणाम बहुत भयानक होंगे।
अल अक्सा मस्जिद मुसलमानों के लिए अल-हराम अल शरीफ के नाम से मशहूर इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल में से एक है। मस्जिद परिसर में डोम ऑफ द रॉक भी शामिल है। इजरायली मस्जिद परिसर को टेंपल माउंट कहते हैं और यह स्थल यहूदियों के लिए सबसे पवित्र जगह है। मस्जिद परिसर में यहूदियों और अन्य गैर-मुसलमानों को जाने की अनुमति तो है लेकिन वहां जाकर प्रार्थना नहीं कर सकते या फिर कोई भी धार्मिक प्रतीक प्रदर्शित नहीं कर सकते हैं लेकिन हाल के सालों में बेन गिविर जैसे धुर-दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी नेताओं ने इन प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है। इन उल्लंघनों की वजह से फिलिस्तीनियों की हिंसक प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती रही हैं। जॉर्डन पर अल-अक्सा मस्जिद की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। बेन गिविर के मस्जिद परिसर में प्रवेश पर जॉर्डन ने भी कड़ी आपत्ति जताई है। जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यरूशलेम की ऐतिहासिक और कानूनी यथास्थिति के लगातार उल्लंघन के लिए एक स्पष्ट और दृढ़ अंतरराष्ट्रीय स्थिति की जरूरत है जो इन उल्लंघनों की निंदा करे।
इजरायल के दोस्त अमेरिका ने भी इजरायली की इस हरकत को गलत बताया है कहा कह यह अस्वीकार्य है। अमेरिका विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका यरूशलेम के पवित्र स्थलों के संबंध में ऐतिहासिक यथास्थिति को बचाने के लिए मजबूती से खड़ा है। इस तरह की कोई भी एकतरफा कार्रवाई जो यथास्थिति को खतरे में डालती है, स्वीकार नहीं की जाएगी। हम युद्धविराम समझौते को अंतिम रूप देने के लिए काम कर रहे हैं, ऐसे में यह कदम समझौते में भी बाधा डालत सकता है।
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